Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा से एक बेबस माता-पिता ने अपनी बेटी के इलाज के लिए सीएम योगी से गुहार लगाई है। परिजन अब तक अपना सब कुछ बेचकर बेटी का इलाज करा रहे थे। परिजन अब तक अस्पताल में इलाज के लिए 20 लाख रुपए का बिल भर चुके हैं। इस बीस लाख के बिल के लिए लड़की के परिजनों को अपना सब कुछ बेचना पड़ा। अब उनके पास इलाज के लिए और पैसे नहीं है और ना ही कोई मदद है। दरअसल बुलंदशहर की एक छात्रा कुछ दिन पहले एक सड़क हादसे में बुरी तरह घायल हो गई थी। हादसे के बाद से करीब 50 दिनों से छात्रा अस्पताल में एडमिट है।
घायल छात्रा एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। लड़की के माता-पिता ने अपनी जीवनभर की पूंजी और कर्जे के बल पर अस्पताल का 20 लाख रुपए का बिल भरा, जिसके बावजूद भी गंभीर हालत होने पर अस्पताल ने लड़की को घर भेज दिया है। बताया जा रहा है कि मां-बाप ने ये रकम भारी कर्ज ले कर अस्पताल को अदा की है। अब लड़की के परिजन सीएम योगी से बेटी के आगे के इलाज के लिए गुहार लगा रहे हैं।
यह पूरा मामला बुलंदशहर के चंदेरु गांव का है। चंदेरु की रहने वाली 18 वर्षीय माही का 6 जून को स्कूल जाते समय एक्सीडेंट हो गया था। इस हादसे में वह बुरी तरह घायल हो गई थी। जिसको बुलंदशहर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां से बाद में उसे ग्रेटर नोएडा के लिए रेफर कर दिया गया। परिवार वालों ने 6 जून को माही को ग्रेटर नोएडा के अस्पताल में भर्ती करवाया। इनके पास आयुष्मान कार्ड था, तो उन्हें लगा बेटी का 5 लाख तक का इलाज सरकार कराएगी। माही की हालत गंभीर होने के कारण उसकी सर्जरी करनी पड़ी, लेकिन अस्पताल ने आयुष्मान कार्ड से इलाज करने से मना कर दिया।
आपको बता दें कि माही के पिता और उसके परिवार वालों ने इलाज के लिए सभी से गुहार लगाई हैं। उन्होंने सिकंदराबाद विधायक लक्ष्मी राज सिंह और पूर्व मंत्री अनिल शर्मा से बेटी के इलाज के लिए गुहार लगाई है, लेकिन अब तक किसी ने किसी तरह की कोई मदद नहीं की। इन दोनों को पत्र भेजे गए, लेकिन अब तक कोई भी समाधान नहीं हुआ है। अब यह लोग मुख्यमंत्री योगी से मांग कर रहे हैं कि उनकी बेटी का इलाज सरकार की तरफ से कराया जाए। इनकी मांग है कि सरकार इनकी बेटी के इलाज में कोई छूट करा दे, वरना उनकी बेटी का बचना मुश्किल है। उनके पास अब खाने तक के पैसे नहीं है, ऐसे में अब अस्पताल का बिल भरना मुश्किल हो चुका है।