Noida News : नोएडा के लोगों के हेलीकॉप्टर में उड़ान भरने के सपने में अभी देरी है। इसके लिए शहर के लोगों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल, उड़ान से पहले ही ये महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर लैंड हो गई है। अब नए सिरे से फिर इसे शुरू करने के प्रयास हो रहे हैं। एनडीए के मुताबिक देरी की प्रमुख वजह एयरोनॉटिकल कंपनी का डिस्क्वालीफाई होना है। दरअसल, एकल बिडर कंसीडर होने के बाद जिस कंपनी ने यहां चॉपर सर्विस की जिम्मदारी ली थी, उसे अधिकारिक रिपोर्ट के आधार पर पहली बिड से पूर्व ही रिजेक्ट कर दिया गया है। कंपनी तकनीकी बिड से आगे ही नहीं जा सकी।
आपको बता दें कि नोएडा शहर में हेलीपोर्ट को लेकर पहली बार ग्लोबल निविदाएं जारी की गई हैं। अब इसके लिए नए सिरे से निविदाएं होंगी। इस बार योजना की शर्तों को थोड़ा आसान बनाया जाएगा। जिससे कई कंपनियां अपने प्रजोपल भेज सकें। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद भी अगर एक मात्र कंपनी आती है तो फिर उसे ही तरजीह दी जाएगी।
परियोजना से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक नोएडा के सेक्टर 151 ए में हेलीपोर्ट बनाने में करीब 43.13 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। उन्होंने बताया कि हेलीपोर्ट की डिजाइन व क्षमता 12 सीटर चॉपर के लिए तैयार की गई है। इसके अलावा इसमें खास बात ये रहेगी कि 5 चॉपर की पार्किंग सहित एमरजेंसी के वक्त 26 सीटों वाले चॉपर की लैंडिग भी करवाई जा सकेगी। अधिकारियों ने बताया कि नोएडा के वाशिंदे आगरा, अजमेर, श्रीनगर, मथुरा, जयपुर, चंडीगढ़, हरिद्वार, शिमला, बद्रीनाथ, केदारनाथ, बीकानेर, गंगोत्री, जोधपुर, डलहौजी, मसूरी, न्यू टिहरी, अलमोड़ा व नैनीताल सहित कई बड़े शहरों व धार्मिक पर्यटन स्थलों का सफर आसानी से कर सकेंगे। वहीं औद्योगिक नगरी के विकास को पंख लगेंगे। हेलीपोर्ट बन जाने के बाद नोएडा से देश के कई शहरों की दूरी महज कुछ घंटों व मिनटों में सिमट जाएगी। सफर के दौरान लगने वाले समय की भी बचत होगी।