Freight Corridor: एक्वा लाइन के ऊपर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम शुरू, जानें इस कॉरिडोर की खास बातें

Freight Corridor: इससे एक्वा लाइन पर मेट्रो संचालन में कोई रुकावट नहीं होगी। यह कार्य रात में मेट्रो का परिचालन बंद होने के बाद होगा। कॉरिडोर के बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में बनने वाली वस्तुएं और कृषि उत्पाद बेहद कम समय में सीधे मुंबई पहुंच सकेंगे।

Dedicated Freight Corridor
नोएडा में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम शुरू  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • कॉरिडोर का काम इस साल के अंत तक कर लिया जाएगा पूरा
  • वेस्टर्न कारिडोर से दादरी में दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग को भी जोड़ा जाएगा
  • 1,504 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर दादरी से रेवाड़ी सेक्शन का काम अंतिम दौर में

Freight Corridor: दादरी से मुंबई तक बनाए जा रहे वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। कुल 1504 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर दादरी से रेवाड़ी सेक्शन का काम अंतिम दौर में पहुंच गया है। शनिवार रात से नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) की एक्वा लाइन पर सेक्टर-145 से 146 मेट्रो स्टेशन के बीच डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए कार्य शुरू कर दिया है। एनएमआरसी की प्रबंध निदेशक रितु माहेश्वरी ने बताया कि, मेट्रो लाइन के ऊपर फ्रेट कॉरिडोर की क्रासिंग का कार्य शुरू किया गया है।

दीवारों का निर्माण डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) करेगी। गर्डर और डेक स्लैब का कार्य दो क्रेनों से किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया डीएफसीसीआईएल और एनएमआरसी की देखरेख में होगा। इससे एक्वा लाइन पर मेट्रो संचालन में कोई रुकावट नहीं होगी। यह कार्य रात में मेट्रो का परिचालन बंद होने के बाद होगा।

शादीपुर गांव के पास न्यू दादरी में होगा मेन जंक्शन
कॉरिडोर पर चलने वाली मालगाड़ी दो किलोमीटर लंबी होगी। इसमें करीब 500 डिब्बे लगाए जा सकेंगे। कुछ लंबी डबल डेकर मालगाड़ियां भी संचालित की जाएंगी। कॉरिडोर का 18 किमी हिस्सा उत्तर प्रदेश, 177 किमी हिस्सा हरियाणा, 567 किमी हिस्सा राजस्थान, 565 किलोमीटर हिस्सा गुजरात और 177 किलोमीटर हिस्सा महाराष्ट्र में होगा। ईस्टर्न और वेस्टर्न दोनों फ्रेट कॉरिडोर का मेन जंक्शन शादीपुर गांव के पास न्यू दादरी में होगा।

दिसंबर में पूरा होना था कारिडोर का काम 

कॉरिडोर के बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में बनने वाली वस्तुएं और कृषि उत्पाद बेहद कम समय में सीधे मुंबई पहुंच सकेंगे। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ढुलाई का खर्च भी कम होगा। कॉरिडोर तैयार होने के बाद एक मालगाड़ी 13 हजार टन माल के साथ 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ढुलाई कर सकेगी। कारिडोर का काम पिछले साल दिसंबर में पूरा होना था। लेकिन, कोविड के कारण एक साल देरी से काम चल रहा है। अफसरों का कहना है कि, इस साल के अंत तक इसका काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए कई जगह ओवरब्रिज और फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं।

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