पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन काफी गरमा गरमी के साथ हुआ। सत्र के आखिरी दिन उस वक्त बवाल खड़ा हो गया जब AIMIM के विधायक और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इस्लाम ने राष्ट्र गीत वंदे मातरम् गाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ये विधानसभा
अध्यक्ष की तरफ से थोपा गया है और .संविधान में ऐसा करना जरूरी नहीं है इसलि हम इसे नहीं गाएंगे। उनके इस बयान को लेकर बीजेपी ने उन पर हमला बोला है।
पहली बार ऐसा हुआ, हमारे जो पूर्वज थे क्या उन्हें ज्ञान नहीं था, क्या वो राष्ट्रप्रेमी नहीं थे। क्या वो राष्ट्रभक्त नहीं थे? उनसे बड़ा राष्ट्रभक्त होगा कोई जिन्होंने अपना बलिदान देकर देश को आजाद किया। जेलों में रहकर अंग्रेजों के डंडे खाकर देश को आजाद किया। राष्ट्रगान आज की लिखी चीज है? मैं कह रहा हूं कि जो परंपराए हमारे बुजुर्गों की हैं, उन परंपराओं को स्थापित रखना चाहिए....गाना जरूरी क्यों है, वो कोई जरूरी नहीं है। बिना वजह जो चीजें जरूरी नहीं हैं, उसको जरूरी नहीं कहना चाहिए। मैं कह रहा हूं कि राष्ट्रगान गाने में मुझे आपत्ति नहीं है, लेकिन वंदेमातरम गाने में वह हमारी आस्था के मुताबिक नहीं है। वंदेमातरम नहीं कहेंगे।
बीजेपी विधायकों ने एआईएमआईएम के विधायक के इस कृत्य पर कड़ी आपत्ति जताई। बीजेपी विधायक संजय सिंह ने कहा, 'उन्हें जिस देश का राष्ट्रगीत पसंद है वो वहां चले जाएं। सदन के अंदर का फुटेज आप निकाल लीजिए वो भी राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े थे परंतु बाहर आकर विवाद पैदा करना उनकी फितरत में शामिल है। मैं कहता हूं कि इस देश के अंदर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत अनिवार्य है और जिनको ये पसंद नहीं है उनको जहां का राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत पसंद है वहां चले जाना चाहिए।'
इस मुद्दे को लेकर अख्तरूल अलग-थलग पड़ गए हैं। बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि इसे लेकर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। ये तो गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि ये तो राष्ट्र के गौरव को बढ़ाता है।
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