पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन सियासी दलों की तरफ से एक दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है। सुशांत सिंह प्रकरण उनमें से एक है। एनडीए के विरोधी दलों को लगता है कि सुशांत सिंह प्रकरण को सिर्फ इसलिए उठाया गया कि बीजेपी और जेडीयू को राजनीतिक तौर पर फायदा मिल सके। आरजेडी के नेता इस बात को कहते हैं कि सुशांत के परिवार के साथ सबकी संवेदना है लेकिन जिस तरह से बिहार सरकार ने इस मुद्दे पर सक्रियता दिखाई उससे साफ हो चुका है कि सियासी फायदे के लिए इस मुद्दे को जिंदा रखा जाएगा। अब उसी तरह के आरोप कांग्रेस की तरफ से भी लगाए जा रहे हैं।
कांग्रेस का बीजेपी पर वार
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी क्या कहते हैं उसे समझना जरूरी है। भाजपा आगामी बिहार चुनावों के लिए एक प्रमुख राजनीतिक ट्रम्प कार्ड के रूप में सुशांतसिंह राजपूत की मृत्यु का उपयोग कर रही है। रिया चक्रवर्ती को बिना सबूत के विभिन्न आरोपों पर सताया जा रहा है। वे यह दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं कि केवल भाजपा ही बिहारियों को न्याय दिला सकती है।
सीबीआई जांच के लिए सभी दलों ने की थी मांग
बता दें कि सुशांत सिंह केस के बाद बिहार के सभी राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया। सभी राजनीतिक दलों में इस बात की होड़ थी कि आखिर इस मुद्दे पर कौन बेहतर तरीके से मतदाताओं के बीच संदेश भेज सकता है। एक तरफ से चाहे आरजेडी, चाहे जेडीयू या बीजेपी और कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग की। बिहार सरकार ने जब इस संबंध में फैसला किया तो उसके बाद आवाज आने लगी कि सरकार की तरफ से सिर्फ खानापूर्ति की गई है।
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