पटना: नागरिकता कानून और प्रस्तावित देशव्यापी एनआरसी के खिलाफ बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) शनिवार (21 दिसंबर) को प्रदेश बंद बुलाया था। आरडी कार्यकर्ता कड़ाके की पड़ रही ठंड में भी पार्टी के झंडे बैनर लेकर सड़कों, रेल पटरियों पर उतरे और यातायात को बाधित किया। दुकानें बंद कराईं। लेकिन प्रदर्शन हिंसक रूप धारण कर लिया था। बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ हुई। प्रदर्शनकारियों ने भागलपुर, मुजफ्फरपुर और पटना के कुछ इलाकों में बंद कराने के लिए सड़कों पर चल रही टैक्सियों और ऑटो की खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए और साइकिल रिक्शा को क्षतिग्रस्त कर दिया।
विधानसभा में विपक्ष के नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने यहां बीर चंद पटेल मार्ग में पार्टी ऑफिस से डाक बंगला क्रॉसिंग तक एक बड़े जुलूस के साथ मार्च किया। फ्रेजर रोड और बेली रोड पर यातायात थम-सा गया। तेजस्वी यादव ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अपील की थी लेकिन उनकी अपील हो दरकिनार करते हुए उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर उत्पात मचाया। यह सब कैमरे कैद हो गया। उसके बाद सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव से सवाल किए गए। उसके बाद तेजस्वी ने इसका संज्ञान लिया।
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार बंद संबंधित पार्टी के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण कठोर अनुशासनात्मक कारवाई करते हुए जिला अध्यक्ष को पद से हटा दिया गया है। ऑटोरिक्शा वाले को चिह्नित कर पार्टी द्वारा उन्हें हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी।साथी उन्होंने ट्वीट किया मैं सफल बिहार बंद के लिए सभी संघर्षशील छात्रों, युवाओं, राजनीतिक, ग़ैर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों, सिविल सोसाइटी एवं संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले सभी सम्मानित साथियों का तहे दिल से शुक्रगुजार हूं।
आरजेडी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने दावा किया कि सभी विपक्षी दल लोकतंत्र को बचाने के लिए बंद का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का आश्वासन आधा-अधूरा है। उनकी पार्टी ने कैब का समर्थन क्यों किया।
हालांकि पटना में कुछ स्थानों पर बंद करवाने पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लोगों को गुलाब देकर अपनी छवि सुधारने की कोशिश की और उनसे देशहित में बंद का समर्थन करने का अनुरोध किया। इस बंद को कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने भी समर्थन दिया ता। कुशवाहा ने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा ऐसे आश्वासन देने का कोई मतलब नहीं है। हमें केंद्र को ऐसा कदम उठाने से रोकना चाहिए।
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