पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार की सरकार बन गई। नवगठित विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ग्रहण किया, इस दौरान जमकर राजनीति भी देखने को मिली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी के विधायक अख्तरुल इमान ने जहां देश के नाम हिंदुस्तान पर आपत्ति जताई, वहीं कटिहार के कदवा क्षेत्र से विधायक शकील अहमद खान ने संस्कृत भाषा में शपथ ग्रहण कर सौहार्द की मिसाल पेश की।
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान जब संस्कृत में शपथ ग्रहण कर रहे थे, तब कई सदस्यों ने मेज थपथपाकर उनकी तारीफ की। सदन से बाहर निकलने के बाद खान ने कहा, "उर्दू उनकी भाषा है। इसे आगे बढ़ाने के लिए विधानसभा के बाहर और अंदर मैं अपनी आवाज उठाता रहा हूं। संस्कृत हिंदुस्तान की रूह की जुबान है। यह सभ्यता और संस्कृति की भाषा रही है। यह अलग बात है कि समय गुजरने के बाद, आमलोगों की भाषा नहीं बन सकी।"उन्होंने कहा, "संस्कृत मुझे प्रारंभ से अच्छी लगती है। सभी भाषाएं सही हैं। किसी भाषा से भेदभाव नहीं हो, किसी पर भाषा भी नहीं थोपी जाए, यह भी सरकार की पॉलिसी होनी चाहिए।"उन्होंने कहा कि, "आज बिहार सरकार भाषा को लेकर क्या कर रही है। आज स्कूलों में मातृभाषा को लेकर शिक्षक तक नहीं हैं।"
उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं का देश है और यहां सभी जुबान है बोली जाती हैं।विधायक शकील अहमद ने एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान को भी नसीहत देते हुए कहा कि वे पहले भी विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। पहली बार वे विधानसभा की शपथ ली थी, तब क्या उन्होंने हिंदुस्तान शब्द पर ऐतराज जताया था उन्हें याद करना चाहिए। इसी दौरान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान ने शपथ लेते वक्त उसमें देश के नाम के लिए लिखे हिंदुस्तान शब्द के स्थान पर भारत कहने की इजाजत मांगी।
इमान ने उर्दू में शपथ लेने की अनुमति मांगी थी।इमान ने कहा कि संविधान में देश का नाम भारत लिखा हुआ है। बाद में उन्होंने उर्दू भाषा में शपथ लेते हुए देश का नाम भारत पढ़ा। इसे लेकर सत्ता पक्ष के विधायक नाराज भी हैं।
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