बिहार के सीएम नीतीश कुमार जातिगत आरक्षण का मांग करते हैं। यह बात अलग है कि बिहार के विपक्षी दलों को यकीन नहीं होता और वो निशाना साधते रहते हैं। आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने इस मुद्दे पर बीजेपी और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी दोनों इस बात की योजना बना रहे हैं कि देश में जाति आधारित जनगणना ना हो। देश में एससी और एसटी आबादी में बढ़ोतरी हुई और सरकार को उन्हें नौकरी देनी होगी। सरकार इससे इनकार कर सकती है। लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे जाति आधारित जनगणना संभव हो सके।
'नीतीश कुमार भी दे रहे हैं धोखा'
राजद का कहना है कि नीतीश कुमार सिर्फ दिखावा कर रहे हैं, वो बिहार के लोगों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। अगर जातिगत जनगणना पर वो इतने ईमानदार होते है तो वो केंद्र की मोदी सरकार पर दबाव बनाते। दिखावे के लिए वो सर्वदलीय बैठक बुलाते हैं। लेकिन विपक्ष के सुझावों पर विचार नहीं करते हैं।
बिहार में सियासत गर्म
जाति-आधारित जनगणना पर नरेंद्र मोदी द्वारा कथित तौर पर इनकार करने के बाद बिहार में सियासत गरमा गई है। इसका ताजा उदाहरण बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा इस मामले पर भारत के 33 वरिष्ठ नेताओं को पत्र लिखे जाने का है। उन्होंने इस संबंध में सोनिया गांधी, प्रकाश सिंह बादल, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, ओम प्रकाश चौटाला, वाईएस जगन मोहन रेड्डी, एमके स्टालिन, फारूक अब्दुल्ला, दीपांकर भट्टाचार्य, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, के चंद्रशेखर राव, अशोक शामिल हैं।
गहलोत, चरणजीत सिंह चन्नी, ओ पनीरसेल्वम, चंद्रशेखर आजाद, अखिलेश यादव, मायावती, सीताराम येचुरी, डी राजा, नवीन पटनायक, नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी, चिराग पासवान, ओम प्रकाश राजवीर, अख्तरुल इमाम, जयंत चौधरी, मौलाना बदरुद्दीन, पी विजयन, भूपेश बघेल और महबूबा मुफ्ती को खत लिखा है.।
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