Chirag Paswan:चिराग की नजर में नीतीश कुमार का धोखाचरित्र,' PM का आशीर्वाद ले कहीं लालू के शरण में न चले जाएं'

एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि पहले लालू जी की मदद से सीएम बने फिर उन्हें धोखा दिया कहीं फिर पीएम मोदी से आशीर्वाद लेकर लालू जी के शरण में न चले जाएं।

Chirag Paswan:चिराग की नजर में नीतीश कुमार का धोखाचरित्र,'पीएम का आशीर्वाद ले कहीं लालू के शरण में न चले जाएं'
नीतीश कुमार पर चिराग पासवान का जुबानी वार 
मुख्य बातें
  • चिराग पासवान के निशाने पर नीतीश कुमार, 'जब भी मौका मिला मारी पलटी'
  • कहीं 2015 फिर ना दोहरा दें नीतीश कुमार, चिराग ने साथा निशाना
  • बिहार की बदहाली के लिए नीतीश की नीतियां जिम्मेदार, समंदर तो सिर्फ बहाना

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागगठबंधन के बीच सीधी टक्कर नजर आ रही है यह बात अलग है कि इन दोनों गठबंधनों के बीच चिराग पासवान भी ताल ठोंक रहे हैं। महागठबंधन के नेता तो नीतीश कुमार पर हर दिन निशाना साध रहे हैं। लेकिन चिराग पासवान एक भी मौका नहीं चुकते और नीतीश कुमार सीधे तौर पर उनके निशाने पर रहते हैं। एक ट्वीट के जरिए चिराग कहते हैं कि क्या बात है इस बार वो 121 सीट पर ही मान गए। दरअसल नीतीश कुमार ने पहले लालू को ठगा और अब बीजेपी को ठग रहे हैं। 

'कहीं फिर पाला न बदल लें नीतीश कुमार'
पिछली बार लालू प्रसाद यादव के आशीर्वाद से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और फिर उनको धोखा देकर प्रधामंत्री जी के आशीर्वाद से रातों रात मुख्यमंत्री बन गए। इस बार कहीं पीएम नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद लेकर फिर लालू यादव जी के शरण में ना चले जाएं साहब। उन्होंने कहा कि जनता अब उनकी फितरत को समझती है। पिछले 15 वर्षों में वो विकास के जिन दावों की बात किया करते थे उसकी कलई पिछले साल चमकी बुखार और इस वर्ष कोरोना महामारी के दौर में प्रवासी मजदूरों के साथ क्या हुआ उसकी झलक सामने आ गई। 

15 वर्षों से भरमाने का कर रहे हैं काम
नीतीश कुमार ने साज़िशन बीजेपी को पिछली बार लड़े 157 सीट के जगह कम सीटें दी है। आज नीतीश को 121 सीटें चाहिए थी वहीं अपने राजनैतिक गुरु आदरणीय लालू प्रसाद के साथ 101 पर मान गए थे लेकिन भाजपा के साथ इन्हें 101 सीट से ज़्यादा चाहिए। पहले बिहार को ठगा और अब भाजपा को। उन्होंने कहा कि सूबे के सीएम से जब उद्योग धंधों के बारे में पूछा जाता है तो वो कहते हैं कि समंदर न होने का असर पड़ा। जब उनसे बिहार में शिक्षा की बेहतरी की बात की जाती है तो जवाब यह होता है कि आगे देखेंगे। सच तो यह है कि किसी भी शख्स को ईमानदार होना चाहिए न सिर्फ बातों में बल्कि काम में भी। 

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