Patna: मंत्री के स्वागत में व्यस्त थे अधिकारी, अस्पताल के बाहर कोरोना मरीज की निकली जान

पटना समाचार
Updated Apr 14, 2021 | 20:11 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

बिहार के पटना में नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NMCH) के बाहर एक कोरोना वायरस मरीज की मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि मरीज को एडमिट नहीं किया गया।

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पटना के NMCH की है घटना 

नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना के एक अस्पताल के बाहर मंगलवार को एक कोविड-19 मरीज की मौत हो गई क्योंकि प्रशासन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के स्वागत में व्यस्त था। अस्पताल ने कथित तौर पर उस समय मरीज को भर्ती करने से इनकार कर दिया। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे अस्पताल में यह देखने के लिए गए थे कि क्या वहां कोविड-19 रोगियों के इलाज की व्यवस्था उचित है। यह घटना बिहार की राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NMCH) में हुई है।

'बिहार तक' से बात करते हुए मृतक के बेटे अभिमन्यु कुमार ने कहा कि उसके पिता पिछले चार दिनों से कोरोना वायरस से संक्रमित थे। उसने कहा, 'हम एम्स अस्पताल गए जहां अधिकारियों ने कहा कि नए मरीज को भर्ती करने के लिए कोई बिस्तर उपलब्ध नहीं है। फिर हम NMCH आए। हम लगभग दो घंटे तक अस्पताल के बाहर खड़े रहे उन्हें एडमिट करने के लिए प्रबंधन से अपील करते रहे। हालांकि, उन्होंने उन्हें एडमिट नहीं किया।'

शख्स की अस्पताल के बाहर स्ट्रेचर पर ही मौत हो गई। बिहार में हाल के दिनों में कोविड-19 के मामलों में तेज वृद्धि देखी गई है। 'बिहार तक' से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा, 'हर मौत दुखद है। हम सभी जान बचाने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसी कोई भी घटना दिल को दुखाती है।' मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना से पीड़ित लोगों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा उपचार देने की कोशिश कर रहा है।

तेजस्वी ने साधा निशाना

वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर लिखा, 'बिहार ऐसी निकम्मी नाकारा सरकार से अभिशप्त है जिसे अपनी ज़िम्मेदारियों का बोध ही नहीं है। कोरोना काल के शुरूआती दौर से ही मैंने अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने, सुविधाओं को सुदृढ़ करने व नए अस्पताल बनाने का सुझाव दिया। मैंने कहा था कोरोना की लड़ाई मैराथन है, पुख़्ता तैयारी करनी होगी। बिहार में एक साल पहले भी मरीज़ अस्पताल में बेड, ऑक्सिजन, टेस्ट और इलाज़ के लिए दर-बदर धक्के खा रहे थे और आज भी स्थिति यथावत है। लोक स्वास्थ्य/जन कल्याण नीतीश सरकार की प्राथमिकताओं में आज तक नहीं रहा वरना स्वास्थ्य क्षेत्र में नीति आयोग के सूचकांकों में बिहार सबसे नीचे नहीं रहता। नीतीश जी येन केन प्रकारेण सत्ता में क़ाबिज हो कुंभकर्णी नींद सो जाते है। भाजपाई स्वास्थ्य मंत्री पॉलिटिकल टूरिज्म में व्यस्त है जो कभी-कभार आराम फ़रमाने बिहार आते है। जनता भगवान भरोसे जीवन-मरण से संघर्षरत है। CM की नाक नीचे कोरोना के नाम पर बिहार में हज़ारों करोड़ का लूट हुआ है।'

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