पटना: बिहार में शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार विपक्ष ही नहीं बल्कि अपनों के निशाने पर भी है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सरकार में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी नीति में संशोधन की मांग करते हुए अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है। मांझी ने यहां तक कहा कि यहां मंत्री, विधायक, एसपी अधिकारी सब शराब का सेवन करते हैं। मांझी के इस बयान के बाद विपक्ष एक बार फिर नीतीश सरकार पर हमलावर हो सकता है।
एक कार्यक्रम के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा, 'उन्होंने कहा की दवा के रूप में शराब भी लिया जाता है, लेकिन शराब का व्यसन बनाना खराब बात है। कलेक्टर हैं, एसपी हैं, जज हैं एमएलए हैं, मंत्री हैं वो सब शराब का सेवन 10 बजे बाद करते हैं। 60-70 फीसदी लोग करते हैं शराब का सेवन।अगर पकड़ना है तो सरकार पहले उन्हें पकड़े ना, हमारे गरीबों को क्यों जेल भेजा जाए। यहीं हम घाटा सहते हैं... सुधार होना चाहिए।'
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बिहार में शराबबंदी कानून को कड़ाई से पालन करवाने को लेकर सरकार पूरी तरह सख्ती बरत रही है। सरकार शराब के धंधे पर लगाम लगाने को लेकर हर उपाय करने में जुटी है। इस बीच, सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को नई जिम्मेदारी सौंपी है। पुलिस मुख्यालय ने पुलिस मुख्यालय में पदस्थापित अपर पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को मद्यनिषेध के लिए जिलों में की जा रही कार्रवाई की मॉनिटरिंग करने का दायित्व दिया गया हे।
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