Gupteshwar Pandey: दिल में खाकी लेकिन दिमाग में बरसों से बसी है खादी !

पटना समाचार
श्वेता सिंह
श्वेता सिंह | सीनियर असिस्टेंट प्रोड्यूसर
Updated May 03, 2023 | 16:05 IST

Gupteshwar Pandey’s political inning begins: पुलिस महकमे में रहकर नशामुक्ति से लेकर गुंडों पर चाबुक चलाने के बाद अब बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे नई भूमिका में नजर आ सकते हैं।

Gupteshwar Pandey: दिल में खाकी लेकिन दिमाग में बरसों से बसी है खादी !
गुप्तेश्वर पांडेय ने लिया वीआरएस 
मुख्य बातें
  • बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने लिया वीआरएस, चुनाव लड़ने की अटकलें तेज
  • गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस लेने पर शिवसेना ने कसा तंज
  • 'महाराष्ट्र को बदनाम करने के लिए गुप्तेश्वर पांडे ने किया था राजकीय तांडव'

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद मुंबई से सबका ध्यान इस तरह बिहार में जा लगा कि देश ही नहीं दुनिया टकटकी लगाए मूर्ति की भांति सन्न होकर एक-एक खबर से चिपकी रही। मुंबई में घटने के बाद इस घटना की आगे की कहानी कब बिहार में केंद्रित हो गई पता ही नहीं चला। कुछ इस तरह से बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने मामले में कदम रखा कि वही शुरुआत आज तक सुशांत के चाहने वालों के लिए उस मामले में आशा की नई किरण हर दिन लेकर आ रही है। खाकी में कितनी ताकत होती है ये सुशांत सिंह मौत मामले में देश को गुप्तेश्वर पांडे ने दिखा दिया।  

अबकी बारी राजनीतिक पारी

1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे ने बिहार विधानसभा चुनाव  से ठीक पहले नौकरी छोड़ने का फैसला किया और वीआरएस ले लिया। बिहार के इस रॉबिनहुड के इस फैसले ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारे में बल्कि पुलिस महकमे से लेकर अपराधियों तक के होश उड़ा दिए। अभी गुप्तेश्वर पांडे ने ये खुलासा नहीं किया कि वो किस पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन नीतीश कुमार के प्रति उनका सौम्य व्यवहार किसी से छुपा नहीं है। शायद सरकार के विपक्षी दलों को भी इसका अंदाजा हो गया है तभी तो अभी से वो गुप्तेश्वर पांडे पर दबे मुंह ही सही टिपण्णी करने लगे हैं।

दिल में खाकी लेकिन दिमाग में बरसों से बसी है खादी

ये कोई पहली बार नहीं है जब बिहार के पूर्व डीजीपी ने स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने का फैसला किया और राजनीतिक पारी की शुरुआत की सोची। इससे पहले भी गुप्तेश्वर पांडे ऐसा कर चुके हैं। 11 साल पहले भी पांडे जी नौकरी से एक बार वीआरएस लिया था, लेकिन उस समय उनकी चाहत पूरी नहीं हुई थी, लेकिन तब राज्य सरकार ने उनकी वीआरएस याचिका को स्वीकार नहीं किया था और फिर से उन्हें पुलिस में बहाल कर दिया। तब की दबी चिंगारी पूरी तरह से इस बार आग बनकर दाहक रही है। इस बार राज्यपाल ने पांडेजी के अनुरोध को मंजूरी दे दी है।

गुप्तेश्वर पांडे ठीक उसी तरह से एक-एक कदम रख रहे हैं जैसे राजनीति में रखा जाता है। वो आज शाम 6 बजे अपने सोशल मीडिया पेज से लाइव होंगे और अपनी कहानी अपनी जुबानी सुनाएंगे। सुशांत सिंह मौत मामले में जिस तरह से डीजीपी के पद पर रहते हुए गुप्तेश्वर पांडे ने इस पूरे केस को एक नया रूप दिया है, उसकी सराहना हर कोई कर रहा है। खासतौर पर अब युवाओं के हीरो बन गए हैं पांडेजी।

राजनीति में आने से मिल सकता है युवा वोट

पुलिस सेवा में शानदार इनिंग खेलने के बाद गुप्तेश्वर पांडे की गजब की फैन फोल्लोविंग है। युवाओं में गुप्तेश्वर पांडे को लेकर एक अलग ही चाह दिखती है। असल में गुप्तेश्वर पांडे आज से नहीं बहुत पहले से अपनी एक वेबसाइट चलाते हैं, जो खासतौर से युवाओं को नशा से मुक्ति दिलाने के लिए है। सुशांत सिंह केस ने गुप्तेश्वर पांडे को बिहार के युवाओं का हीरो बना दिया है।

पुलिस की सफल और शानदार पारी खेलने के बाद राजनेता के तौर पर पांडेजी की राह में रोड़े आएंगे या फिर उसी तन्मयता के सतह पांडे जी राजनीतिक सफर को भी आसान बना देंगे, ये कहना अभी जरा मुश्किल होगा।

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