पटना। बिहार पुलिस का एक सर्कुलर इस समय सुर्खियों में है तो दरअसल उसके पीछे खास वजह भी है। बिहार पुलिस ने एक नया सर्कुलर जारी किया है, जिसने एक बार फिर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।डीजीपी द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति विरो प्रदर्शन करते हुए पाया जाएगा, धरने या सड़कों पर बैठना सरकारी नौकरी या सरकारी अनुबंध के लिए पात्र नहीं होगा। दरअसल अभी कुछ दिनों पहले जब कांट्रैक्ट टीचर ने पटना की सड़कों पर धरना दिया था वो मामला सुर्खियों में छाया रहा।
सर्कुलर के पीछे क्या यह है वजह
बिहार के डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव खुद धरनारत कर्मचारियों के बीच पहुंचे और पटना के डीएम को फोन लगा दिया और वो केस सुर्खियों में रहा। तेजस्वी यादव ने कहा था कि अगर उनकी बात को डीएम साहब इस तरह अनसूनी कर देंगे तो आम लोगों का क्या होगा। तेजस्वी के इस कदम की वाहवाही हुई। उसके बाद बिहार सरकार की तरफ से एक और सर्कुलर आया जिसमें जिक्र था कि अगर कोई शख्स पदेन किसी भी व्यक्ति पर अमर्यादित टिप्पणी करेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। हालांकि इस सर्कुलर पर भी जमकर विवाद हुआ था।
सर्कुलर में क्या है
सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि सरकारी नौकरी या अनुबंध पर नौकरी की जो लोग ख्वाहिश रखते हैं उन्हें इन शर्तों का पालन करना होगा। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि सरकारी नौकरी की ख्वाहिश रखने वालों को अनुशासित होना जरूरी है। लिहाजा नौकरी की चाह रखने वाले लोग समाज विरोधी या जनविरोधी क्रियाकलापों में ना शामिल हों।
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