नई दिल्ली। बिहार में शराबबंदी है लेकिन एक सच यह भी है कि शराब की तस्करी जोरों पर है। बिहार पुलिस के डीजीपी अपने मातहतों पर बहुत नाराज थे । उन्होंने कहा कि बिना पुलिस की जानकारी कोई शराब बेच ही नहीं सकता। अगर किसी बड़े अधिकारी के हल्के में ऐसा कुछ होता है तो उसे अपने पद पर रहने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही वो कहते नजर आए कि बड़े आश्चर्य की बात है कि शराबबंदी के बाद भी शराब की तस्करी जारी है।
जेडीयू विधायक का विवादित बयान
इस बीच जेडीयू के विधायक श्याम बहादुर सिंह का क्या कहना है जानना दिलचस्प है,उन्होंने बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के कथित बयान का जिक्र किया था। जीतन राम मांझी ने कहा था कि शराब को दवा की तरह इस्तेमाल करना चाहिए। इसलिए पाबंदी नहीं लगानी चाहिए। जीतन राम मांझी ने जो कुछ कहा कि गलत नहीं है। वो उनसे असहमत नहीं है। शराब का उपभोग सिस्टम और संस्कृति के मुताबिक करना चाहिये।
डीजीपी ने भी शराबबंदी पर दिया था ज्ञान
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के बयान के बाद आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार शराबबंदी पर ज्ञाने देते फिरते हैं और हकीकत में राज्य में क्या हो रहा है। अब तो बिहार पुलिस के मुखिया ने भी मान लिया है कि शराब की तस्करी धड़ल्ले से जारी है। तेजस्वी यादव ने कहा कि एक तरफ शराबबंदी का झूठा शोर किया जाता है तो दूसरी तरफ हकीकत यह है गांव गिरांव में शराब आसानी से उपलब्ध है। पुलिस के संरक्षण में शराब की तस्करी की जा रही है।
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