Patna Dial 112: अब कई सेवाओं के लिए सिर्फ एक नंबर पर कॉल करना होगा। अलग-अलग हेल्पलाइन नंबरों की जगह सिर्फ 112 डायल करना होगा। इस नंबर पर कॉल करके कोई भी पुलिस की मदद, अग्निशमन विभाग और एंबुलेंस की सेवा ले सकेगा। आज सुबह 11.30 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डायल 112 को लांच कर दिया है। डायल 112 सेवा को क्रियाशील बनाए रखने के लिए 7000 पुलिस कर्मी काम करेंगे। इनमें सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक की तैनाती की गई है। इतना ही नहीं एसपी रैंक के दो अधिकारियों की भी ड्यूट लगाई गई है। खुद आईजी वायरलेस इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।
डायल 112 की 100 गाड़ियां सिर्फ पटना शहर में काम करेंगी। यह 24 घंटे सेवा मुहैया कराएंगी। जबकि सूबे में इसकी संख्या 400 है। पहले चरण में इतनी गाड़ियां की सेवा दी जा रही है। बता दें इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम यानी डायल 112 आपातकालीन सेवा है। केंद्र सरकार की इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के तहत शुरू की जा रही इस सेवा का मकसद सभी आपातकालीन सेवाओं के नंबर 100, 102, 103 को एक ही नंबर 112 के तहत एक प्लेटफॉर्म पर लाना है।
डायल 112 में आपात स्थिति में पीड़ित या संबंधित व्यक्ति द्वारा वाइस कॉल, एसएमएस, ईमेल, पैनिक एसओएस रिक्वेस्ट एवं वेब रिक्वेस्ट भेजा जा सकता है। बिहार में इस परियोजना को दो चरणों में लागू किया जा रहा है। पहले चरण में 400 वाहनों में मोबाइल डाटा टर्मिनल लगाया गया है। यह जीपीएस की तरह काम करेगा। इसमें एक मॉनिटर होगा, जिसमें तीन हिस्सों में जानकारी उपलब्ध रहेगी।
डायल 112 सेवा 24 घंटे सात दिन काम करेगी। कॉल टेकर्स के रूप में 270 महिला सिपाही यहां आने वाले कॉल रिसीव करेंगी। इन्हें प्रशिक्षण दिया जा चुका है। हर पाली में 90 महिलाकर्मी प्रतिनियुक्त रहेंगे। 24 सब इंस्पेक्टर डिस्पैचर का काम करेंगे। यह निर्णय लेंगे की कॉल कहां फॉरवर्ड किया जाना है। सात इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी सुपरवाजर होंगे। इनके स्तर पर केस को क्लोज करने का निर्णय लिया जाएगा।
डायल 112 पर कॉल आते ही खुद-ब-खुद कंप्यूटर में मामला दर्ज हो जाएगा। एक यूनिक आईडी जेनरेट होगी और सूचना पीड़ित के पास चली जाएगी। फिर तुरंत पुलिस कर्मी पीड़ित के पास पहुंच जाएंगे।
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