पटना : गुरुवार का देश के स्वच्छ सर्वेक्षण का परिणाम आया जिसमें गया को शहरों की कैटेगरी में सबसे गंदा शहर घोषित किया गया। 10 लाख से भी कम की जनसंख्या वाले शहरों की कैटेगरी में सबसे प्रदूषत शहरों में बिहार के गया शहर को प्रथम स्थान मिला है। 10 में से 6 सबसे गंदा शहर बिहार से ही है। इनमें गया के अलावा भागलपुर, बिहारशरीफ, सहरसा, परसा बाजार और बक्सर शामिल है।
देश का सबसे गंदा शहर चुना जाना गयावासियों के लिए सबसे शर्मिंदगी की वजह बन गई है। यह एक ऐसा शहर है जहां विदेशी मेहमान भी घूमने के लिए आते हैं। एक इंटरनेशनल टूरिस्ट स्पॉट होने के नाते इस शहर का सबसे प्रदूषित शहरों में सबसे प्रथम स्थान पाना वाकई में बेहद शर्मनाक है।
शहर के डिप्टी मेयर अखौरी औंकार नाथ श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार की रात हमारे लिए सबसे खराब रात रही। उन्होंने बताया कि ये हम सबके लिए आत्मचिंतन का विषय है। हालांकि स्थिति उतनी भी खराब नहीं है जितना कि रिपोर्ट में बताया गया है।
नगर निगम आयुक्त सावन कुमार ने भी कुछ ऐसी ही बात कही। उन्होंने कहा कि पेपरवर्क में गलती हुई है ना कि परफॉर्मेंस में। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में बताई गई सारी जरूरतों को नगर निगम पूरा नहीं कर सकता है।
बताया जाता है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी सर्वेकर्ताओं ने काफी ध्यान दिया था। यही एक बड़ी वजह है जिसमें खराब परफॉर्मेंस की वजह से गया को सबसे गंदे शहर की कैटेगरी में चुना गया।
गया बार असोसियेशन के सचिव एमके हिमांशु ने इसके पीछे भ्रष्टाचार को बड़ी वजह बताया। उन्होंने बताया कि लोगों को दो डस्टबिन उपलब्ध कराए गए थे लेकिन जांच पर पता चला कि कई लोगों को तो डस्टबिन मिले ही नहीं है और ना ही कचरा प्रबंधन के लिए कोई ठोस कदम उठा गया है।
यह एक असली शर्म की वजह है।
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