Patna Air Quality: पटना के प्रदूषण में जबरदस्त गिरावाट आई है। वायु प्रदूषण का स्तर 42 प्रतिशत कम हुआ है। ऐसा डीजल ऑटो के परिचालन बंद होने की वजह से हुआ है। एक अप्रैल से शहर में पूरी तरह से डीजल ऑटो के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। परिवहन विभाग ने 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के कॉमर्शियल इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है। विभाग के इस निर्णय से शहर से 12 हजार डीजल वाहन हट गए हैं। इस असर दो हफ्ते में ही दिखने लगा है। मार्च में शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 245 था। यह अप्रैल में अभी 140 रिकॉर्ड किया गया है। शुद्ध हवा का लाभ 30 लाख लोग उठा रहे हैं।
ध्वनि प्रदूषण में भी आई गिरावट
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि डीजल ऑटो एवं 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का परिचालन बंद होने से ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आई है। एएन कॉलेज के इंवायरमेंटल साइंस के अध्यापक रहे प्रो. एके घोष ने बताया कि डीजल वाहनों से कार्बन मोनोऑक्साइड, हाईड्रोकार्बन, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड आदि निकलते हैं, जिससे वायु प्रदूषण काफी बढ़ता है। वाहनों के डीजल इंजन से काला, नीला और सफेद धुआं उत्सर्जित होता है।
एक महीने में दिखेगा दमा-हृदय मरीजों पर असर
बता दें प्रदूषण का स्तर कम होने से दमा और हृदय के मरीजों को बहुत राहत मिलेगी। इसके अलावा चर्म रोग से जुड़े मामले भी कम होंगे। प्रो. एके घोष के मुताबिक इसका असर एक महीने के अंदर दिखने लगेगा। बताया कि डीजल ऑटो का परिचालन बंद होने से एक दिन में डीजल की 48 हजार लीटर खपत कम हुई है। इस कारण शहर में एक दिन में 126240 किलो सीओ और सीओ टू का उत्सर्ज कम हो गया है।
पीएम 2.5 और पीएम 10 में हुआ इतना गिरावट
विशेषज्ञ ने बताया कि डीजल ऑटो का परिचालन बंद होने के बाद हवा में खुलने वाले पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा में तीना गुना कमी आई है। मार्च महीने में हवा में पीएम 2.5 की मात्रा ज्यादा था।
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