Blood Business in Patna: पटना में खानाबदोश और नशे की लत के शिकार बच्चों का खून निकाले जाने का खुलासा हुआ है। कंकड़बाग के एक निजी अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के रूप में काम कर चुके दो लोग बच्चों को 300 रुपए देकर उनका खून निकाल रहे थे। कोतवाली पुलिस ने इनके ठिकाने पर छापेमारी की तो फ्रीज में खून देकर दंग रह गई। दरअसल, दो दिन पहले ही पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लॉकेट बच्चों से कटवाने के मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इन दोनों के मोबाइल को जब पुलिस ने खंगाला तो उन्हें खून के गोरखधंधे की जानकारी हुई। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने दोनों के कमरे पर छापेमारी की।
गिरफ्तार संतोष कुमार और अजय द्विवेदी ने कम वेतन मिलने के कारण निजी अस्पताल की नौकरी छोड़ दी थी। फिर दोनों ने अपने कमरे में ही फर्जी ब्लड बैंक खोल लिया। यहां पर खानाबदोश बच्चों को 300-400 रुपए देकर उनका खून निकालते थे। फिर खुद ही उसे पैक कर अपने फ्रिज में रखते थे और मांग आने पर मोटी रकम पर बेचा करते थे। ये दोनों पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल, बस स्टैंड, गांधी मैदान, महावीर मंदिर एवं अन्य जगहों पर भटकने वाले बच्चों एवं नशा करने वाले बच्चों को अपने झांसे में लेते थे।
पुलिस की छापेमारी में आरोपियों के पत्रकार नगर स्थित संजय नगर रोड नंबर एक स्थित घर से 45 यूनिट खून बरामद हुआ है। ड्रग इंस्पेक्टर के बयान पर दोनों आरोपियों के खिलाफ पत्रकार नगर थाने में भी केस दर्ज कराया गया है। जबकि कोतवाली थाने में इन दोनों के खिलाफ पहले से लॉकेट कटवाने का केस दर्ज है। पुलिस ने बताया कि, इनके पास से कई अस्पतालों का लेटर पैड भी मिला है। इनके साथ कई बड़े-बड़े अस्पताल जुड़े हैं। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद भी इनके मोबाइल पर तीन से चार बड़े अस्पतालों से खून की मांग आई थी।
पुलिस अब उन अस्पतालों की जानकारी में जुटी है, जो इन दोनों आरोपियों के संपर्क में थे। इनके अड्डे से कई अस्पताल, डाइग्नोसिस सेंटर के लेटर पैड, आईकार्ड, इंजेक्शन, टेस्ट ट्यूब मिले हैं।
पढ़िए Patna के सभी अपडेट Times Now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।