बिहार में शराबबंदी लागू है। लेकिन हाल के महीनों में जहरीली शराब से लोगों की मौत के बाद नीतीश कुमार निशाने पर हैं। शराबबंदी के मुद्दे पर विपक्ष हमलावर है। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि कोई कुछ भी कहे शराबबंदी के खिलाफ सरकार का अभियान नहीं रुकेगा। अब शराबियों और अवैध शराब की बिक्री या भंडारण के बारे में शिक्षक स्थानीय प्रशासन को जानकारी देंगे और लोगों को शराब से होने वाले नुकसान के बारे में जागरुक भी करेंगे।
सरकार के फैसले का विरोध
बिहार सरकार के इस फैसले का शिक्षक विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि क्या अब उन्हें पुलिस वालों का काम करना होगा। जहां तक लोगों को जागरुक करने की बात है वो बात तो समझ में आती हैं। लेकिन सरकार उनसे खुफियागीरी क्यों कराना चाहती हैं। क्या शिक्षकों का काम यही है वो घर घर जाकर लोगों के घरों में ताकझांक करें।
बिहार में शिक्षकों के जिम्मे काम
जनगणना
पशु गणना
मास्क चेकिंग
पोषाहार का वितरण
मिड डे मील
क्वारंटीन सेंटर पर ड्यूटी
शिक्षा मंत्री ने क्या कहा
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी का कहना है कि शिक्षक भी जिम्मेदार नागरिक होता है। हर एक जिम्मेदार नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वो समाज के दुश्मनों के बारे में जानकारी दे। जहां तक शिक्षकों की मदद लेने का सवाल है तो उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा। उनकी सुरक्षा को किसी तरह खतरा नहीं होगा। जहां तक विपक्ष के निशाना साधने की बात है तो विपक्ष की मानसिकता को आप समझ सकते हैं। विपक्षी दलों ने किस तरह से बिहार को बर्बाद किया। लेकिन हम बेहतर बिहार बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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