पटना : लोकसभा में कृषि सुधार विधेयकों के पारित किए जाने पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। तेजस्वी ने शुक्रवार को कहा कि ये विधेयक किसानों, श्रमिकों एवं गरीब के हितों के खिलाफ हैं। राजद नेता ने कहा, 'मैं शुरुआत से ही यह कहता आ रहा हूं कि यह सरकार किसान, श्रमिक एवं गरीब लोगों के हितों के खिलाफ काम कर रही है। ये लोगों पर विधेयकों को थोपना चाह रहे हैं। ये विधेयक पूरी तरह से किसान विरोधी हैं।'
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा, 'ये विधेयक किसानों को नुकसान पहुंचाएंगे और इसका देश पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा।' बता दें कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कृषि सुधारों से जुड़े तीन विधेयक लेकर आई है। सरकार का कहना है कि इन विधेयकों के बाद किसान अपना उत्पाद बेचने के लिए पहले से ज्यादा आजाद होंगे। वे अपने कृषि उत्पादों की कीमत तय कर सकेंगे और उन्हें कहीं भी बेच सकेंगे। यही नहीं, उन्हें बिचौलियों से भी मुक्ति मिलेगी।
विपक्ष इन विधेयकों का यह कहते हुए विरोध कर रहा है कि इनसे कृषि पर कॉरपोरेट जगत का कब्जा हो जाएगा। नई व्यवस्था से किसानों के लिए मंडी व्यवस्था बंद हो जाएगी। हरियाणा और पंजाब में किसान इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। एनडीए का सहयोगी दल अकाली दल भी सरकार के साथ नहीं है। अकाली दल से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कृषि विधेयकों पर सरकार ने उनके साथ विचार-विमर्श नहीं किया।
किसानों के विरोध प्रदर्शन और विपक्ष के आरोपों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान दिया। पीएम ने कहा कि लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले लोग आज किसानों को गुमराह कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि ये कृषि सुधार विधेयक किसानों को ज्यादा आजादी देंगे और उनकी आय बढ़ेगी। कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'चुनाव के समय किसानों को लुभाने के लिए ये बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लिखित में करते थे, अपने घोषणापत्र में डालते थे और चुनाव के बाद भूल जाते थे।'
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