पटना में पंचायत वार्ड सचिव अपनी सेवा निरस्त किए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लाठी चार्ज किया। भीड़ हटाने के लिए अश्रु गैस के गोले भी छोड़े। पंचायत सचिव बीजेपी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।
बिहार बीजेपी मुख्यालय के बाहर अपनी मांगों के समर्थन में एकत्र हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने सोमवार को लाठीचार्ज किया, पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और हवा में पिस्तौलें लहराईं। आंदोलनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं, जिनमें से कई तो बच्चों को गोद में लिए हुए थीं। ये महिलाएं पंचायत वार्ड सचिवों के रूप में अपनी नौकरी को नियमित करने की मांग कर रही थीं।
आंदोलनकारियों ने करीब एक पखवाड़े पहले गर्दनी बाग में धरना शुरू किया था। इस बीच, विपक्षी नेताओं ने धरनास्थल का दौरा किया और उनकी मांग के समर्थन में अपनी एकजुटता व्यक्त की।
समर्थन से उत्साहित वे सोमवार को बीजेपी के बीरचंद पटेल मार्ग स्थित कार्यालय के सामने जमा हो गए और पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी से आश्वासन की मांग करने लगे। चौधरी बीजेपी कोटे से ही मंत्री हैं।
यह पता नहीं चल पाया है कि जब प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे थे तब मंत्री अंदर थे या नहीं। पुलिसकर्मी इन प्रदर्शनकारियों को यह कहते हुए वहां से हटने को लेकर दबाव बनाने लगे कि इस मार्ग पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई हुई, और बाद में लाठीचार्ज और पानी की बौछारों की नौबत आ गई।
पुलिस दल के कुछ सदस्यों को भीड़ के पीछे दौड़ते देखा गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, कोई गोली नहीं चलाई गई और दोपहर तक स्थिति सामान्य हो गई। उन्होंने कहा कि "अवैध प्रदर्शन" में शामिल लोगों के खिलाफ अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
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