नई दिल्ली : बिहार में विधानसभा की 243 सीटों के लिए अंतिम चरण की वोटिंग 7 नवंबर को समाप्त हो गई। अब सभी का इंतजार 10 नवंबर को आने वाले चुनाव नतीजों पर है। चुनाव नतीजों को जानने की उत्सुकता सभी में है। सत्ता की चाबी इस बार बिहार की जनता एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपेगी या तेजस्वी यादव को मौका देगी, मतदाताओं ने इस बार क्या सोचा है। इस बारे में मतदाताओं का नब्ज टटोलने के लिए टाइम्स नाउ ने सी वोटर के साथ मिलकर सर्वे किया है। सर्वे से जो बात उभरकर सामने आई है उससे एक बात साफ हो गई है कि बिहार की जनता ने इस बार किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं दिया है।
एग्जिट पोल के अनुसार बिहार में इस बार त्रिशंकु विधानसभा बन रही है। सरकार बनाने के लिए 122 सीटें चाहिए। टाइम्स नाउ सी वोटर के सर्वे में एनडीए को 116 सीटें, महागठबंधन को 120 सीटें, लोजपा को एक सीट और अन्य को छह सीटें मिलती दिख रही हैं।
वोट प्रतिशत की अगर बात करें तो इस चुनाव में एनडीए को 37.70 प्रतिशत, लोजपा को 8.50 फीसदी, यूपीए 36.30 प्रतिशत और अन्य को 17.50 फीसदी वोट मिला है। एनडीए में इस बार में सबसे ज्यादा नुकसान जेडीयू को उठाना पड़ा है।
एग्जिट पोल के मुताबिक जेडीयू को 42 सीटें मिली हैं जबकि इस चुनाव में भाजपा को फायदा हुआ है। भाजपा को इस बार 70 सीटें मिली हैं। वहीं हम को दो सीटें और वीआईपी के खाते में दो सीटें गई हैं। यूपीए में राजेडी को 85 सीटें और कांग्रेस को 25 सीटें मिली हैं।
2015 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 80 सीटें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को मिली थीं। जदयू को 71, भाजपा को 53, कांग्रेस को 27, लोजपा को 2 और अन्य को 10 सीटें मिली थीं। वोट प्रतिशत की अगर बात करें तो पिछले विस चुनाव में आरजेडी को 18.8%, जदयू को 17.3%, भाजपा को 25%, कांग्रेस को 6.8%, लोजपा को 5% और अन्य को 26.5% वोट मिले थे। बिहार में पिछले विस चुनाव में 57.0 फीसदी वोट पड़े थे।
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