कौन हैं RCP सिंह, जिन्‍हें जेडीयू में नीतीश कुमार ने चुना अपना उत्‍तराधिकारी

Who is RCP Singh: बिहार में सत्‍तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) ने आरसीपी सिंह को अपना नया अध्‍यक्ष चुना है। आरसीपी सिंह को जेडीयू में नीतीश के करीबी नेताओं में गिना जाता है, जो उनके ही गृह जिले नालंदा से आते हैं।

कौन हैं RCP सिंह, जिन्‍हें जेडीयू में नीतीश कुमार ने चुना अपना उत्‍तराधिकारी
कौन हैं RCP सिंह, जिन्‍हें जेडीयू में नीतीश कुमार ने चुना अपना उत्‍तराधिकारी  |  तस्वीर साभार: Twitter

पटना : बिहार में सत्‍तारूढ़ नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (युनाइटेड) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अब रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी आरसीपी सिंह होंगे। पार्टी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रविवार को नीतीश कुमार की जगह रामचंद्र प्रसाद सिंह को अगले तीन साल के लिए पार्टी का नया राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष चुना गया, जिनके नाम का प्रस्‍ताव खुद नीतीश कुमार ने रखा, जिसे कार्यकारिणी के सभी सदस्‍यों ने सर्वसम्‍मति से मंजूर कर लिया।

कौन हैं जेडीयू के नए अध्‍यक्ष आरसीपी सिंह?

आखिर कौन हैं आरसीपी सिंह, जो जेडीयू में नीतीश की जगह लेने जा रहे हैं। आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता रहा है। बिहार से जेडीयू कोटे से राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह, नीतीश कुमार के ही गृह जिले नालंदा के रहने वाले हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे और प्रत्याशियों के चयन सहित पार्टी से संबंधित कई मसलों पर नीतीश कुमार आरसीपी सिंह से मशविरा करते रहे हैं।

आरसीपी सिंह (62) को जेडीयू में नीतीश के सर्वाधिक भरोसेमंद नेताओं में गिना जाता है। राजनीति में आने से पहले वह सिव‍िल सर्विसेज में थे और नीतीश सरकार में प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं। राजनीति में आने से पहले उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। उन्‍होंने 2010 में सिविल सर्विसेज से सेवानिवृत्ति ले ली, जिसके बाद वह सक्रिय राजनीति में उतर आए और जेडीयू से राज्‍यसभा के लिए निर्वाचित हुए। 

लिपि सिंह के पिता हैं आरसीपी सिंह

आरसीपी सिंह की एक और पहचान बिहार में दबंग आईपीएस अधिकारी और लेडी सिंघम के नाम से चर्चित 2016 बैच की आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह के पिता के तौर पर भी है। लिपि सिंह उस वक्‍त सुर्खियों में आई थीं, जब विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच अक्‍टूबर में बिहार के मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई फायरिंग और भीड़ पर लाठीचार्ज के बाद प्रशासन निशाने पर आ गया था। इस घटना में एक व्‍यक्ति की जान चली गई थी, जबकि कुछ पुलिसकर्मियों सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे। घटना का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें पुलिसकर्मियों को भीड़ पर लाठीचार्ज करते देखा गया।

इस घटना के बाद राज्‍य की राजनीति में भी भूचाल आ गया था। कभी मुंगेर की 'लेडी सिंघम' के नाम से चर्चित एसपी लिपि सिंह को सोशल मीडिया पर किसी ने 'जनरल डायर' कहा तो उनके निलंबन और बर्खास्‍तगी की मांग भी उठी। विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से लिपि सिंह के पिता के करीबी रिश्‍ते के कारण सरकार का रुख उन्‍हें लेकर नरम रहा। आरोप यह भी है कि आईएएस लॉबी में मजबूत पकड़ के कारण आरसीपी सिंह अपनी बेटी को बिहार में पोस्टिंग दिलाने में कामयाब रहे। लिपि सिंह बाढ़ अनुमंडल में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के तौर पर काम करते हुए इलाके के बाहुबली नेता और निर्दलीय विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी चर्चा में आई थीं। 

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