पटना: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कुछ दिन पहले ही आरजेडी में बड़ी टूट हुई थी और उसके कई नेता जेडीयू में शामिल हुए थे। इस बीच आज बीजेपी के पूर्व नेता और अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा आज पटना में नए मोर्चे का ऐलान कर सकते हैं। यह मोर्चा बिहार की नीतीश सरकार के खिलाफ विफल रहने का आरोप लगाते हुए राज्य भर में संपर्क अभियान चलाएगा।
कई नेता होंगे शामिल
सूत्रों के मुताबिक, बिहार में पूर्व सांसद देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक नागमणि, बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी, पूर्व सांसद और दलित नेता पूरनमासी राम, जनता दल (राष्ट्रवादी) के संस्थापक अशफाक रहमान, अनिल कुमार, लोजपा (एस) के अध्यक्ष सत्यानंद शर्मा, पूर्व विधायक सिद्धनाथ राय सहित कई अन्य नेता मोर्चे में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
इस बार, बदलो बिहार
सूत्रों के मुताबिक कि मोर्चे के का उद्देश्य बिहार का विकास होगा। और नीतीश सरकार के खिलाफ सभी को एकजुट होकर लड़ना होगा। यशवंत सिन्हा ने बताया कि 'रोजगार, स्वास्थ्य सेवा से लेकर औद्योगिकीकरण तक सभी क्षेत्रों में नीतीश कुमार विफल रहे हैं। मोर्चा ''इस बार, बदलो बिहार" के नारे के तहत काम करेगा और अहम लक्ष्य जद (यू) सरकार के 15 साल के कुशासन को चुनौती देना है जिसके लिए तीसरे मोर्चे के बैनर तले सभी विपक्षी नेताओं को एकजुट करना भी अहम लक्ष्य होगा।'
यशवंत सिन्हा करेंगे अगुवाई
सूत्रों के मुताबिक बिहार के कई नेताओं ने पिछले तीन महीनों के दौरान यशवंत सिन्हा से संपर्क किया और उन्हें तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करने का आग्रह किया तांकिबिहार में जदयू को चुनौती दी जा सके। बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं, तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गई है। वहीं दूसरी तरफ सत्तारूढ़ जद (यू) -बीजेपी गठबंधन फिर से अपनी सत्ता वापसी को लेकर आश्वस्त है, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस भी उसके खिलाफ मोर्चा खड़ा किए हुए हैं। पार्टियों ने चुनावों के लिए अपनी रणनीतियां तैयार करना शुरू कर दिया है और वर्चुअल रैलियों का भी आयोजन किया जा रहा है।
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