बिहार विधानसभा में सवालों के ऑनलाइन जवाब को लेकर पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच जमकर नोकझोंक हुई। अध्यक्ष जहां 16 में से 11 सवालों के जवाब आने की बात कह रहे थे, वहीं मंत्री का कहना था कि विभाग ने 16 सवालों में 14 का ऑनलाइन जवाब दिया है। अध्यक्ष ने मंत्री से विभाग में दिखवा लेने की बात कही। इसके बाद मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि व्याकुल नहीं होना है, आप दिखवा लीजिए।
'व्याकुल' शब्द को विधानसभा अध्यक्ष ने जब मंत्री से वापस लेने की बात कही तो मंत्री बोले कि ऐसे सदन नहीं चलेगा, व्याकुल होने की जरूरत नहीं है। इस पर विधानसभाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। विधानसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया जब तक मंत्री द्वारा माफी नहीं मांगी जाएगी, वे सदन में नहीं जाएंगे।
इसके बाद मंत्री पर दबाव बना, तब विधानसभा अध्यक्ष सदन में पहुंचे। मंत्री सम्राट चौधरी ने सदन में कहा कि उनके आचरण से भावना आहत हुई है तो वे माफी मांगते हैं। मैं आसन का सम्मान करता हूं। मंत्री के माफी मांगने के बाद विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से आगे चली। इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी मामले में खेद प्रकट करते हुए कहा कि मंत्री को भी अब अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाना चाहिए।
इधर, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना की निंदा की है। तेजस्वी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा कि मर्माहत हूं। बिहार में सत्ता पक्ष और मंत्री सदन की गरिमा और आसन की महत्ता को तार-तार कर रहे हैं। सरकार के एक भाजपाई मंत्री अध्यक्ष महोदय की तरफ उंगली उठाकर कह रहे हैं कि व्याकुल मत होईए। ऐसे सदन नहीं चलेगा। कैसे-कैसे लोग मंत्री बन गए हैं जिन्हें लोकतांत्रिक मयार्दाओं का ज्ञान नहीं?
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