पटना : कोरोना की तीसरी लहर और बच्चों पर खतरे की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारियां बेहद अहम है। माना जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में जो कमियां रह गई थी अगर उसे समय रहते दुरुस्त नहीं किया गया तो हालात मुश्किल वाला हो सकता है। लेकिन बिहार में पटना से सटे हाजीपुर से स्वास्थ व्यवस्था की तैयारियों की बेहद हैरान करने वाली तस्वीर आई है।
हाजीपुर सदर अस्पताल में बच्चों के लिए बनाए गए स्पेशल ICU खराब AC की वजह से खटखट पंखों के सहारे चल रहा है। खराब मॉनिटर और धूल फांकते वेंटिलेटर को देख तो यही लगता है कि अगर तीसरी लहर आई तो हालात मुश्किल हो सकते हैं।
हाजीपुर सदर अस्पताल में पीकू वार्ड को चमकी, वायरल फीवर और डेंगू जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए बनाया गया है। इलाज का अहम हिस्सा है बच्चों को कम तापमान पर रखना। इसलिए इस ICU में एक नहीं तीन-तीन AC लगाए गए हैं, लेकिन AC वाले इस ICU की हालत खराब है। यह खटखट करते पंखे का भरोसे चल रहा है। भर्ती बच्चे गर्मी से बेहाल है तो तीमारदारों के भी पसीने छूट रहे हैं।
हालात इतने भर नहीं हैं। गंभीर हालत में आने वाले बच्चों के लिए यहां पर वेंटिलेटर भी पड़े हैं, लेकिन बताया गया कि पिछले 2 सालों से इन वेंटीलेटर्स को टेक्नीशियन भी नसीब नहीं हो सका। इस वजह से वेंटिलेटर वार्ड के एक कोने में पड़ा धूल फांक रहा है। बच्चों के बेड के साथ जो मॉनिटर लगा है, वहां बच्चों के BP से लेकर पल्स और तापमान की निगरानी की जाती है, लेकिन ये खराब पड़े हैं।
हालात यह है कि इस जर्जर अवस्था में अस्पताल पहुंच रहे बच्चे और तीमारदार खुद बीमार हो रहे हैं। सवाल उठता है कि खुद में बीमार यह स्वास्थ्य व्यवस्था कैसे तीसरी लहर से कैसे मुकाबला करेगी?
हाजीपुर सदर अस्पताल का यह हाल तब है, जब अकेले वैशाली जिले में पिछले एक सप्ताह में ही 20 से अधिक वायरल बुखार के मामले सामने आ चुके हैं और एक बच्चे की मौत हो गई है। खराब AC वाले ICU में अब भी 8 बीमार बच्चे भर्ती हैं।
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