Allahabad University: 100 साल बाद 4 गुना फीस बढ़ोत्तरी, विरोध में छात्रों का आंदोलन, जानें पूरी डिटेल

Allahabad University: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी इस समय छात्रों के नारों से गूंज रही है। बीते करीब छह दिनों से यहां पर छात्र संगठन फीस बढ़ोत्‍तरी के विरोध में धरना प्रदर्शन और अनशन कर रहे हैं। यूनिवसिर्टी द्वारा हाल ही में सर्कुलर जारी कर फीस में 4 गुना बढ़ोत्‍तरी की गई है।

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यूनिवसिर्टी में विरोध प्रदर्शन करते एक छात्र संगठन से जुड़े छात्र   |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • 100 साल बाद यूनिवर्सिटी ने फीस में की 4 गुना बढ़ोत्‍तरी
  • इससे पूर्व पहली बार वर्ष 1922 में की गई थी फीस में बढ़ोत्‍तरी
  • फीस बढ़ोत्‍तरी के विरोध में सभी छात्र संगठन कर रहे प्रदर्शन व अनशन

Allahabad University: पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाने वाला प्रयागराज स्थित इलाहाबाद यूनिवर्सिटी बीते छह दिनों से छात्र आंदोलन का एक नया गढ़ बन गया है। क्‍लासेज बंद हो चुकी हैं और छात्र कैंपस में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का यह प्रदर्शन यूनिवर्सिटी द्वारा जारी नए फीस स्‍ट्रैक्‍चर को लेकर हो रहा है। यूनिवर्सिटी ने एक सर्कुलर जारी कर फीस में 4 गुना बढ़ोत्‍तरी की घोषणा की है। इससे छात्र आक्रोशित हैं और विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गया है। वहीं एक छात्र गुट अनशन पर बैठा है।

इस फीस बढ़ोत्‍तरी का विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि अब इस यूनिवर्सिटी में गरीब छात्रों का पढ़ना मुश्किल हो जाएगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन को तत्‍काल अपने इस सर्कुलर को वापस लेना होगा। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि फीस में यह बढ़ोत्‍तरी 100 साल बाद की गई है। इससे पहले 1922 में पहली बार फीस बढ़ाई गई थी। इतने साल बाद दूसरी बार फीस बढ़ाई गई है और यह देश के अन्य सेंट्रल यूनिवर्सिटी की तुलना में बहुत कम है। हालांकि छात्र संगठन फीस बढ़ोत्‍तरी का आदेश वापस लेने पर अड़े हुए हैं।

यह है विश्वविद्यालय फीस बढ़ोत्‍तरी पर तर्क

फीस बढ़ोत्‍तरी के विरोध में समाजवादी छात्र सभा, एनएसयूआई, एबीवीपी के छात्र अलग-अलग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके चलते ही कैंपस छात्रों के नारों से गूंज रहा होता है। छात्रों द्वारा विरोध होने के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की तरफ से बयान जारी कर बताया गया है कि फीस बढ़ोत्‍तरी का लक्ष्‍य बजट की कमी को पूरा करना है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि सरकार की तरफ से फंड में कटौती की गई है। जिसकी वजह से चालू बिजली बिलों का भुगतान करने और अन्य रखरखाव में मुश्किल हो रही थी। इसलिए यूनिवर्सिटी दूसरे विश्वविद्यालयों के अनुपात में ही फीस वृद्धि की है लेकिन इसके बाद भी अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तुलना में यह काफी कम है।

यह होगा नया फीस स्‍ट्रैक्‍चर

यूनिवर्सिटी द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक बीए की फीस 975 रुपये से बढ़ाकर 3901 रुपये और लैब वर्क के साथ फीस 4115 रुपये कर दी गई है। इसी तरह बीएससी की फीस 1125 से बढ़ाकर 4151 रुपये, बीकॉम की फीस 975 रुपये से 3901 रुपये, एमएसी की फीस 1861 से बढ़कर 5401 रुपये, एमकॉम की फीस 1561 से बढ़कर 4901 रुपये, एलएलबी की फीस 1275 से बढ़कर 4651 रुपये, एलएलम की 1561 से बढ़कर 4901 रुपये कर दी गई है। वहीं पीएचडी की फीस 501 से बढ़ाकर लैब वाले विषयों के लिए 15800 रुपये और बिना लैब के 15300 रुपये कर दी गई है।

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