नई दिल्ली: इस रविवार 21 जून को सदी का सबसे लंबा सूर्यग्रहण होगा। ऐसा बताया जा रहा है कि देश के कई हिस्सों यह कुंडल के आकार का होगा। जहां चंद्रमा सूर्य के केंद्रीय हिस्से को ढकेगा, जिससे बाहरी रिम दिखाई देगा। इस प्रकार आकाश में ‘रिंग ऑफ़ फायर’ का निर्माण होगा। हालांकि, देश के अधिकांश हिस्सों के लिए ग्रहण आंशिक होगा।
21 जून को सूर्यग्रहण सबसे पहले अफ्रीका के कांगो से शुरू होगा और फिर भारत के राजस्थान में करने प्रवेश से पहले यह दक्षिणी सूडान, इथियोपिया, यमन, ओमान, सहदी अरब, हिंद महासागर और पाकिस्तान से होकर गुजरेगा। इसके बाद यह तिब्बत, चीन, ताइवान की ओर बढ़ेगा और फिर प्रशांत महासागर के मध्य में समाप्त हो जाएगा।
किस समय लगेगा ग्रहण
रविवार 21 जून को सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर ग्रहण शुरू होगा। जबकि दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर सूर्य ग्रहण का मध्यकाल होगा। वहीं, दोपहर बाद 2 बजकर 2 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा। इसके बाद साल 2020 के अंत में एक और सूर्य ग्रहण लगेगा। इस बार सूर्य ग्रहण अपने देश भारत में भी देखा जा सकेगा। लेकिन इसे नंगी आंखों से देखने का प्रयास कतई न करें।
कहां दिखाई देगा ग्रहण
ये ग्रहण भारत में दिखाई देने के साथ-साथ एशिया, अफ्रीका, हिंद महासागर, यूरोप के कुछ हिस्सों में और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।
यह ग्रहण 24 अक्टूबर, 1995 के ग्रहण की याद दिलाएगा
21 जून को होने वाला सूर्यग्रहण 25 साल पहले घटित हुए 24 अक्टूबर, 1995 के ग्रहण की याद दिलाएगा। उस दिन पूर्ण सूर्य ग्रहण के चलते दिन में ही अंधेरा छा गया था।
नग्न आंखों से न देखें ग्रहण
सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने का प्रयास न करें। नग्न आंखों से ग्रहण देखने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर से सूर्य ग्रहण को देखना सुरक्षित है।
14 दिसंबर को लगेगा साल का अंतिम सूर्यग्रहण
साल 2020 दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह से ढक लेगा और पृथ्वी पर इसकी परछाईं दिखाई देगी।