Phalguna ka Mahina 2020: देश के प्रमुख त्योहारों में होती है होली (Holi 2020) है जो अमूमन मार्च के महीने में आती है। और हिंदू कलैंडर के मुताबिक ये त्योहार फाल्गुन के महीने में आता है। फाल्गुन (Fagun 2020) का महीना यानी हिंदू साल का आखिरी मास। हिंदी पंचांग के अनुसार इस महीने में तमाम व्रत व त्योहार आएंगे। इनमें महाशिवरात्रि (MahaShivratri 2020), विजया एकादशी (Vijya Ekadahi), होली (Holi), अमालाकी एकादशी आदि प्रमुख हैं। वैसे इस महीने में बाद से हिंदू कलैंडर के नए साल की शुरुआत चैत्र मास के साथ हो जाएगी।
इस महीने में भगवान शिव और भगवान कृष्ण का पूजन खासतौर पर फलदायी होता है। फाल्गुन के महीने की शुरुआत 10 फरवरी से मघा नक्षत्र के साथ हो चुकी है। इस महीने में यशोदा जयंती और जानकी जयंती भी मनाई जाती हैं।
12 फरवरी, बुधवार, द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी की तिथि 12 फरवरी को है। इस संकष्टी को द्विजप्रिय संकष्टी भी कहा जाता है।
13 फरवरी, गुरुवार, कुंभ संक्रांति
कुंभ संक्रांति की तारीख 13 फरवरी है। इसी के साथ सूर्य ग्रह का कुंभ राशि में प्रवेश होगा।
19 फरवरी, बुधवार, विजया एकादशी
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी कहलाती है। इसे समस्त पापों का हरण करने वाली तिथि भी कहा जाता है। यह अपने नाम के अनुरूप फल भी देती है।
20 फरवरी, गुरुवार, प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत का संबंध देवों के देव महादेव शंकर जी से जुड़ा है। फाल्गुन में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
21 फरवरी, शुक्रवार, महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि का पावन पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में भी बहुत भीड़ रहती है। महाशिवरात्रि पर शिव आराधना से तमाम ग्रह दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
27 फरवरी, गुरुवार, संकष्टी चतुर्थी
27 फरवरी फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी है। शास्त्रों में इस चतुर्थी का खासा महत्व बताया गया है।
23 फरवरी, रविवार, फाल्गुन अमावस्या
इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान कर देवों का आशीर्वाद प्राप्त करने की मान्यता है। कहा जाता है कि इस अमास्या पर देवताओं का निवास संगम तट पर होता है।
25 फरवरी, मंगलवार, फुलैरा दूज
फुलैरा दूज को फाल्गुन मास में सबसे पावन दिन माना जाता है। यह दूज शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है।
06 मार्च, शुक्रवार, अमालाकी एकादशी
पद्म पुराण के अनुसार आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय होता है। इसी को ध्यान में रखकर आमलकी एकादशी की शुरुआत हुई है। हिन्दू धर्म और आयुर्वेद, दोनों में आंवले को श्रेष्ठ बताया गया है।
07 मार्च, शनिवार, प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत का संबंध शिवजी से जुड़ा है। फाल्गुन में शिव पूजन का विधान है, अत: इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
09 मार्च, सोमवार, होलिका दहन
9 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा है। इसी दिन शाम के समय होलिका दहन भी होता है।
10 मार्च, मंगलवार, होली
रंगवाली होली, जिसे धुलण्डी के नाम से भी जाना जाता है, होलिका दहन के पश्चात ही मनायी जाती है और इसी दिन को होली खेलने के लिये मुख्य दिन माना जाता है।
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