Mansa devi janm katha: हर मनोकामना पूर्ण करती हैं मनसा देवी, जानिए उनके जन्‍म की ये कथा

हमारे शास्त्र में कई देवी-देवताओं की महिमा और उनकी कथा बताई गई है। उन्हें में से एक मनसा देवी हैं, जिनकी पूजा करने से हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

Mansa Devi Haridwar
Mansa Devi Haridwar 
मुख्य बातें
  • मनसा देवी सभी मनोकामना को पूर्ण करती है
  • वह भगवान शिव और पार्वती की लाडली पुत्री हैं
  • मनसा देवी को नागों की बहन भी कहा जाता है

Mansa devi janm katha: हमारे शास्त्र में कई देवी-देवताओं की महिमा और उनकी कथा बताई गई है। उन्हें देवी में से एक मनसा देवी हैं, जिनकी पूजा करने से हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है। यह त्रिलोकीनाथ और माता पार्वती की लाडली बेटी है। इनके दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। मनोकामना को पूर्ण करने वाली मनसा देवी का मंदिर हरिद्वार शहर से लगभग 3 किलोमीटर दूर शिवालिक पहाड़ियों पर स्थित है।

यह पहाड़ी हिमालय के दक्षिण भाग में स्थित है। यहां हर दिन लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। इस जगह पर अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए श्रद्धालु पेड़ की शाखा में शुद्ध धागा बांधते है। जब वह मनोकामना पूर्ण हो जाती है, तब श्रद्धालु यहां दोबारा आकर उन धागे को खोलते हैं। तो आइए जाने सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मनसा देवी की जन्म की कहानी।

मनसा देवी की जन्म की कहानी

कहानी के अनुसार जब भगवान शिव और माता पार्वती मानसरोवर झील में जल क्रीड़ा कर रहे थे। तब दोनों के तेज इकट्ठा होकर कमल के पत्ते पर जमा हो गया था। तब उनकी संरक्षण के लिए वहां मौजूद सर्पिणियों ने इस तेज को अपनी कुंडली में लपेट दिया था। महादेव और जगदंबा के तेज से जिस कन्या का जन्म हुआ वह मनसा देवी माता का रूप है।

दूसरी कहानी के अनुसार जब भगवान शिव शंकर एक सुंदर योगी का रूप धारण करके पृथ्वी पर विचार रहे थे, तब उनका सुंदर रूप देखकर कपड़ा धो रही एक गांव की महिला उन पर मोहित हो गई और उन्हें अपने वश में करने के लिए भगवान शिव के ही बनाएं वशीकरण मंत्र का उपयोग करने लगी। तब शिव शंकर अपने बनाएं हुए तंत्र की मांग को रखने के लिए वह उस स्त्री के वशीकरण पाश में बंध गए। तब इन दोनों के संबंध से जो कन्या उत्पन्न हुई वह मनसा देवी के नाम से प्रसिद्ध है। इस कहानी के अनुसार मनसा देवी का आधार अंश दैवी है और आधा अंश मनुष्य का है।

मनसा देवी जब भगवान शिव शंकर और माता पार्वती के पास कैलाश पहुंची तो उन्हें आता देख महादेव जी के गले में लटके नागराज वासुकी ने भगवान शंकर से प्रार्थना करते हुए कहा हे प्रभु मनसा देवी को नागलोग भेज दिया जाए। क्योंकि विश्व के प्रमुख अष्टनागों की कोई बहन नहीं है। तब भगवान शंकर ने अपने भक्त वासुकी की बात मानते हुए उन्हें नागलोक का साम्राज्य प्रदान कर दिया। इस प्रकार मनसा देवी संपूर्ण नाग जाति की बहन और पुत्री मानी गई । इस कारण से उन्हें संपूर्ण नाग जाति के अधीन माना जाता है। तो यह थी सभी मनोकामना को पूर्ण करने वाली मनसा देवी की जन्म कथा।

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