हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी के तौर पर मनाया जाता है, 4 फरवरी 2021 को माघ मास की कालाष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान भैरव की पूजा अर्चना करना बहुत अनुकूल माना जाता है। हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार भगवान भैरव शिव जी के रौद्ररूप कहे जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान भैरव की पूजा अर्चना करने से भय पर विजय प्राप्त होती है साथ में जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। काशी प्रांत में काल भैरव को कोतवाल के नाम से जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार कालाष्टमी के दिन सिद्ध मंत्रों का जाप करने से भगवान कालभैरव प्रसन्न होते हैं और अपनी विशेष कृपा अपने भक्तों पर बरसाते हैं।
शास्त्रों में यह कहा गया है कि काल भैरव के आठ स्वरूप होते हैं। इन आठ स्वरूपों में काल भैरव और बटुक भैरव की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। बटुक भैरव को सौम्य स्वभाव का माना जाता है और कहा जाता है कि उनकी पूजा करना बहुत लाभदायक होता है। काल भैरव को खुश करने से राहु और केतु ग्रहों की बुरी दशा से भी मुक्ति मिलती है साथ में नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। अगर आप भी काल भैरव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो कालाष्टमी के दिन दिए गए इन सिद्ध मंत्रों का जाप कीजिए।
काल भैरव को खुश करने के लिए आराधना मंत्र (ॐ भैरवाय नमः)
काल भैरव की पूजा-अर्चना करने से शत्रु, संकट और कोट-कचहरी के मुकदमों से मुक्ति मिलती है। इनकी पूजा करने की वजह से आत्मविश्वास बढ़ता है और साहस में वृद्धि होती है। काल भैरव की पूजा करने से भय पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। काल भैरव को खुश करने के लिए ॐ भैरवाय नमः आराधना मंत्र का जाप कीजिए।
बटुक भैरव को प्रसन्न करने के लिए अराधना मंत्र (ॐ ह्नीं बटुकाय आपदुद्धारणाचतु य कुरु कुरु बटुकाय ह्नीं ॐ)
जैसा कि हमने आपको पहले बताया बटुक भैरव बहुत ही सौम्य स्वभाव के होते हैं और यह अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि बटुक भैरव की उपासना कल्पवृक्ष के समान होती है। अगर कोई इंसान अपने कार्य में सफल होना चाहता है तो उसे बटुक भैरव की पूजा करनी चाहिए। ॐ ह्नीं बटुकाय आपदुद्धारणाचतु य कुरु कुरु बटुकाय ह्नीं ॐ सिद्ध मंत्र का जाप करके आप बटुक भैरव को खुश कर सकते हैं।
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