हनुमान जी का जन्मस्थली को लेकर भक्तों के दावे अलग-अलग हैं। पांच स्थान ऐसे चिन्हित हैं जिन्हें बजरंगबली के जन्मस्थान के रूप में माना गया है। इन स्थानों के भक्तों का दावा है कि बजरंगबली के जन्म के साक्ष्य व अवशेष उस स्थान पर मिले हैं, जिससे यह ज्ञात होता है कि हनुमान जी का जन्म वहीं हुआ था। यह दावा सभी पांच स्थानों पर किया जाता है। बजरंगबली शिव के 11 वें रुद्रावतार माने गए हैं। लेकिन उनके जन्मस्थली को लेकर यह तय कर पाना मुश्किल है कि वह असल में कहां जन्मे थे। भक्तों की मान्यता और विश्वास के आधार पर आइए जानें वह पांच जगह, जहां बजरंगबली के जन्म के लेने का दावा किया जाता है।
1- गुमला जिला, झारखंड
झारखंड के गुमला जिला मुख्यालय से 21 किलोमीटर दूर आंजन धाम गांव में हनुमान जी के जन्म होने का दावा किया जाता है। यहां मौजूद गुफा में माना जाता है कि बजरंगबली ने जन्म लिया था। मान्यता है कि बजरंगबली की मां अंजनी के नाम पर ही इस गांव का नाम आंजन धाम रखा गया है। बजरंगबली की माता अंजनी का ये निवास स्थान माना गया है और यही कारण है कि इस गांव को आंजनेय नाम से भी जाना जाता है। झारखंड के पालकोट प्रखंड में बालि और सुग्रीव का भी राज्य था। यहीं पर शबरी का आश्रम भी था। माना जाता है कि इन पहाड़ों में एक ऐसी भी गुफा है, जिसका संबंध रामायण काल से जुड़ा है। साथ ही माता अंजनी यहां हर रोज भगवान शिव की आराधना करने आती थीं और यही वजह है कि इन पहाड़ियों में 360 शिवलिंग स्थापित हैं। यहां एक मंदिर में बाल रूप में हनुमानजी अपनी माता अंजनी की गोद में विराजमान है।
2- डांग जिला, गुजरात
गुजरात के नवसारी स्थित डांग जिले को प्राचीन समय में दंडकारण्य स्थान के रूप में जाना जाता था और मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने अपने जीवन के 10 साल यहां गुजारे थे। डांग जिले के अंजना पर्वत है और मान्यता है कि इस पर्वत पर स्थित अंजनी गुफा में ही हनुमानजी का जन्म हुआ था।
3– कैथल, हरियाणा
हरियाणा के कैथल का प्राचीन नाम कपिस्थल था और इस आधार पर यह माना जाता है कि कपिस्थल कुरू साम्राज्य का एक प्रमुख भाग था और यही कारण है कि इसे हनुमान का जन्म स्थान माना जाता है। कपि के राजा होने के कारण बजरंगबली के पिता केसरी को कपिराज कहा जाता था। इस आधार पर कैथल को भी हनुमानजी की जन्मस्थली के रूप में देखा जाता है।
4- हंपी, कर्नाटक
कर्नाटक के बेल्लारी जिले के हंपी में स्थित बजरंगबली का प्राचीन मंदिर है और इस स्थान को प्राचीन की किष्किंधा नगरी माना जाता है। किष्किंधा का उल्लेख वाल्मिकि रामायण व रामचरित मानस में भी है। मान्यता है कि किष्किंधा नगरी में ही हनुमान जी का ज्नम हुआ था और इसी जगह पर हनुमान जी का अपने प्रभू श्रीराम पहली बार मिले थे।
5- नासिक जिला, महाराष्ट्र
मान्यता है कि हनुमान का जन्म अंजनेरी पर्वत पर हुआ था और ये स्थान नासिक में है। त्र्यंबकेश्वर से करीब सात किलोमीटर दूर नासिक जिले में हनुमान जी का जन्म स्थान माना जाता है। यहां के अंजनेरी पर्वत पर माता अंजनी का मंदिर है और हनुमान जी का मंदिर उससे और अधिक ऊंचाई पर स्थित है।
भक्तों के अनुसार अलग-अलग स्थानों पर हनुमान जी के जन्मस्थल होने का दावा किया जाता है, लेकिन इन जगहों पर हनुमानजी और माता अंजनी से जुड़े कुछ न कुछ साक्ष्य भी मौजूद हैं। इससे लगता है कि हनुमान जी का यहां से कुछ न कुछ नाता जरूर रहा है।
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