भाई दूज के दिन यमुना स्नान करने का खास महत्व है। यम द्वितीया यम की फांस से मुक्ति का पर्व है। आज के दिन भाई-बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर एक साथ यमुना नदी में स्नान करते हैं। ऐसा करने से उन्हें जन्म-मरण से मुक्ति मिलती है और उन्हें यमलोक की यातनाएं नहीं भोगनी पड़ती। साथ ही इस दिन यमुना स्नान करने से भगवान कृष्ण की असीम कृपा प्राप्त होती है। इस दिन यदि आप घर पर हैं तो यमुना का जल डालकर स्नान करने से भी अद्भुत फल की प्राप्ति होती है।
क्या है धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यमुना जी को भगवान कृष्ण की पटरानी और यमराज की बहन माना गया है। बताया जाता है कि भगवान कृष्ण के जन्म पर सूर्य देव की पुत्री यमुना और पुत्र यमराज उनके दर्शन के लिये पहुंचे थे। दोनों भाई-बहन यमुना किनारे विश्राम घाट पर यमद्वितीया के दिन एक दूसरे से मिले। दोनों एक दूसरे से मिल कर बेहद खुश हुए। यमुना ने भाई यमराज को मिठाई खिला कर माथे पर तिलक लगाया और स्वागत किया। यमराज यह देख कर बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने यमुना से कुछ भी मांगने को कहा।
यमुना जी ने यमराज से मांगा ये वादा
जब यमराज ने यमुना जी से कुछ मांगने को कहा तब यमुना जी ने उनसे कहा कि अगर आप मुझे कुछ देना ही चाहते हैं तो यमुना में स्नान करने वाले भक्तों को यम की फांस व पापों से मुक्ति दे दीजिये।
यमराज ने रखी ऐसी शर्त
यमराज को यह शर्त पसंद नहीं आई मगर वह अपनी बहन को न खुश नहीं देखना चाहते थे और उन्होंने बहन को वरदान दिया कि रोज तो नहीं मगर भाई दूज वाले दिन अगर भाई-बहन साथ इस नदी में स्नान करते हैं तो उन्हें न सिर्फ पापों से मुक्ति मिलेगी बल्कि यम फांस से भी छुटकारा मिलेगा।
यही कारण है कि सदियों से भाई-बहन आज यानि भाई दूज के दिन यमुना नदी में एक साथ डुबकी लगाने के लिये आते हैं।
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