हिंदू मान्यता के अनुसार एक वर्ष में कुल 4 नवरात्र आते हैं। जिसमें से शारदीय और चैत्र नवरात्र के अलावा दो गुप्त नवरात्र भी आते हैं। पहला गुप्त नवरात्र माघ महीने के शुक्ल पक्ष में जबकि दूसरा आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में आता है। गुप्त नवरात्रि में 9 दिनों तक उपवास का संकल्प लेकर पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए।
यह पर्व देवी भक्तों के लिए खास माना जाता है। गुप्त नवरात्र के दिनों में तांत्रिक साधनाएं की जाती हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली साधना को गुप्त रखा जाता है। अन्य नवरात्र के मुकाबले गुप्त नवरात्र में की गई मां काली की पूजा ज्यादा कठिन और फलदायी होती है। इस दौरान मां काली की पूजा गुप्त रूप से करने का प्रावधान है। इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।
कब शुरू होगी गुप्त नवरात्रि
इस वर्ष गुप्त नवरात्र 25 जनवरी से 3 फरवरी तक हैं।
गुप्त नवरात्रि की 9 देवियां
नौ दिनों तक चलने वाली गुप्त नवरात्रि में मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन स्वरूपों में माता काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्न मां, त्रिपुर भैरवी, धूमावति माता, बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा अर्चना होती है।
इस पूजा विधि से करें मां की उपासना
अगर आप किसी विशेष मनोकामना के लिये साधना करना चाहते हैं तो सामान्य पूजा करें। रोज दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इसी के साथ दुर्गा चालीसा पढ़ कर उनके मंत्रों का जाप करें। देवी दुर्गा के सामान्य मंत्र ऊं दुं दुर्गायै नम: मंत्र की नौ माला रोज जाप करें।
गुप्त नवारात्र में सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 18 बार पाठ करना भी लाभदायक होता है। गुप्त नवरात्र में जो लोग देवी मां की पूजा करते हैं उन्हें अपनी और घर की साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिये।
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