Shattila ekadashi: माघ एकादशी ही है षटतिला एकादशी, जानें इस द‍िन पूर्वजों के नाम त‍िल दान करने का महत्‍व 

Importance of til : वैसे तो हर एकादशी का अपना महत्व है लेकिन इन सभी में षटतिला एकादशी को विशेष महत्व दिया जाता है। षटतिला एकादशी के नाम से ही स्पष्ट है कि यह एकादशी तिल से जुड़ी हुई है।

Shattila ekadashi 2020 importance of til
Shattila ekadashi 2020 importance of til   |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन तिल या तिल की बनी वस्तुओं का दान करने से व्यक्ति को स्वर्ग प्राप्त होता है
  • हर एकादशी का अपना महत्व है लेकिन इन सभी में षटतिला एकादशी को विशेष महत्व दिया जाता है
  • षटतिला एकादशी की पूजा से पहले पानी में तिल डालकर स्नान करना चाहिए

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत और पूजा का बहुत महत्व है। इस दिन लोग पूरी श्रद्धा से भगवान की पूजा करते हैं और सुखी जीवन की कामना करते हैं। वैसे तो हर एकादशी का अपना महत्व है लेकिन इन सभी में षटतिला एकादशी को विशेष महत्व दिया जाता है। इस वर्ष षटतिला एकादशी दिनांक 20 जनवरी, सोमवार को सुबह 02:51 से 21 जनवरी 02:05 बजे पर समाप्‍त होगी।

इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कुछ लोग षटतिला एकादशी का उपवास रखकर नदियों में स्नान करते हैं गरीबों को दान भी देते हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार जो भी व्यक्ति षटतिला एकादशी का व्रत रखकर सच्चे मन से भगवान विष्णु की आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। षटतिला एकादशी के दिन तिल का भी बहुत महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन तिल या तिल की बनी वस्तुओं का दान करने से व्यक्ति को स्वर्ग प्राप्त होता है और उसे अपने सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। आइये जानते हैं षटतिला एकादशी पर तिल का महत्व और पूजा विधि।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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षटतिला एकादशी पूजा विधि

  • इस दिन प्रातःकाल उठकर स्नान करके पीला वस्त्र धारण करना चाहिए।
  • इसके बाद विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और उन्हें धूप, दीप और पुष्प अर्पित करना चाहिए।
  • आसन पर बैठकर तीन बार नारायण कवच का पाठ करना चाहिए और एकादशी व्रत कथा सुननी चाहिए।
  • व्रत का संकल्प लेकर पूरे दिन भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए और किसी का अहित नहीं सोचना चाहिए।
  • एकादशी की रात सच्चे मन से जागरण और हवन करना चाहिए।
  • द्वादशी के दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु को भोग लगाना चाहिए और कुछ ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद अपना उपवास तोड़ना चाहिए।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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षटतिला एकादशी के दिन तिल का महत्व
षटतिला एकादशी के नाम से ही स्पष्ट है कि यह एकादशी तिल से जुड़ी हुई है। इस दिन तिल का बहुत अधिक महत्व होता है। देवी देवताओं की पूजा में तिल शामिल करना बहुत शुभ माना जाता है। षटतिला एकादशी के दिन तिल का उपयोग ऐसे करना चाहिए।

  • षटतिला एकादशी की पूजा से पहले पानी में तिल डालकर स्नान करना चाहिए।
  • तिल का उबटन बनाकर पूरे शरीर में लगाना शुभ होता है।
  • षटतिला एकादशी की रात तिलों से ही हवन करके भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहिए।
  • उपवास खोलते समय सबसे पहले पानी में तिल मिलाकर सेवन करना चाहिए।
  • तिल के लड्डू और अन्य चीजें बनाकर इनका सेवन करना चाहिए।
  • गरीबों और जरुरतमंदों को तिल दान करना चाहिए।

इस तरह नियमपूर्वक षटतिला एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं और घर में सुख समृद्धि आती है।

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