रितु फोगाट के पास आने वाले कुछ सप्ताहो के बाद अपने करियर की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना था- बो मेंग के खिलाफ बाउट- जो कि वन एटमवेट टाइटल के लिए आठ फाइटर ग्रांड प्रिक्स में उनकी पहली फाइट होती। यह खिताब फोगाट के लिए लंबे समय से चले आ रहे लक्ष्य की परिणति थी, लेकिन अभी के लिए यह रुक गई है। रितु फोगाट को शनिवार को वन दंगल में बी एनगुएन के हाथों स्प्लिट डिसीजन में शिकस्त झेलनी पड़ी। नतीजे के बाद फोगाट 4-1 पर फिसली जबकि एनगुएन ने सुधार करते हुए 6-6 की बराबरी की।
इस फाइट से पहले रितु फोगाट का अजेय रिकॉर्ड था। एनगुएन के खिलाफ वॉर्म-अप बाउट के लिए रितु फोगाट को पसंदीदा माना जा रहा था, लेकिन पता था कि फाइट बिना अपने जोखिम के नहीं है। रितु की फाइट से पहले वन चैंपियनशिप के चेयरमैन चैत्री सित्योदटोंग ने कहा था, 'अगर रितु फोगाट हारती हैं तो वह टूर्नामेंट (ग्रांड प्रिक्स) शुरू होने से पहले ही इससे बाहर हो जाएंगी।'
बाउट में ज्यादातर समय ऐसा लगा नहीं कि रितु के खिलाफ नतीजा जाएगा। यह मुकाबला क्लासिक स्ट्राइकर (एनगुएन) नाम ग्रेपलर (फोगाट) के बीच माना जा रहा था और लड़ाई का बड़ा हिस्से के लिए इसमें पूर्व अंडर-23 रेसलिंग चैंपियनशिप वर्ल्ड सिल्वर मेडलिस्ट की पकड़ मजबूत मानी जा रही थी। फोगाट ने एनगुएन को फाइट के पहले मिनट में नीचे गिरा दिया। एनगुएन को जब पहली बार गिराया तो वह जल्दी उठ खड़ी हुई और राउंड के शेष समय वह फोगाट की पीठ के पीछे रहीं।
दूसरे राउंड में भी बहुत हद तक वैसा ही देखने को मिला। यह कहना सही नहीं होगा कि रितु के लिए आसान था। इससे पहले की उनकी चार फाइट में फोगाट को कोई छू भी नहीं पाया था। एनगुएन हालांकि ज्यादा सफल नजर आई। फोगाट लगातार टेकडाउन की कोशिश में दिखी जबकि एनगुएन ने उनके स्ट्राइक पर अच्छा जवाब दिया। एनगुएन ने दूसरे राउंड में बाएं हाथ से जोरदार प्रहार किया और फिर घुटने से फोगाट को उसी राउंड में टेकडाउन किया। फोगाट ने हालांकि स्ट्राइक अच्छे से सहे और कोहनी से अपने विरोधी को जवाब दिया।
तीसरे राउंड में लगने लगा कि 24 साल की भारतीय एथलीट का प्रदर्शन कमजोर पड़ रहा है। उनके टेकडाउन ब्लॉक किए गए और एनगुएन ने उनकी रेंज अपने पंच से खोज ली। फोगाट राउंड समाप्त होने के बाद निराश नजर आ रही थीं। मगर आखिरी 20 सेकंड में उन्होंने एक और टेकडाउन करके टॉप पर फाइट फिनिश की।
कहीं और नियमों के हिसाब से राउंड के बाद व्यक्तिगत स्कोर देखते हैं और फिर कुल योग किया जाता है। ऐसे में माना जा रहा था कि फोगाट ने तीन में से दो राउंड पर अपना दावा किया है और फाइट जीत गई हैं। वन नियम के अंतर्गत फाइट्स का स्कोर कुल योग में होता है और फिर रेफरी ने माना कि एनगुएन की फाइनल में वापसी जोरदार रही, जो रितु के पिछले कुछ राउंड के काम पर हावी हुई।
रितु फोगाट ने एमएमए सपने को पूरा करने के लिए भारतीय ओलंपिक स्क्वाड से समझौता किया था। रितु का परिवार एकसाथ रहता है, लेकिन युवा एथलीट ने विदेश जाने का फैसला किया। जब कोविड-19 महामारी आई तो रितु ने सिंगापुर में रुकने का फैसला किया। वह अपनी बहन की शादी में शामिल नहीं हो पाईं क्योंकि वर्ल्ड टाइटल शॉट की संभावना में जुटी हुई थीं।