थर्ड पार्टी कंटेंट पर Twitter ने खोया 'कानूनी संरक्षण', नहीं कर पाई अधिकारियों की नियुक्ति  

थर्ड पार्टी कंटेंट पर अमेरिकी माइक्रोब्लागिंग कंपनी ट्विटर को भारत सरकार से जो कानूनी संरक्षण मिला हुआ था अब वह समाप्त हो गया है। ट्विटर को अब आईपीसी की धाराओं का सामना करना होगा।

 Twitter loses legal shield on third party content in india
थर्ड पार्टी कंटेंट पर Twitter ने खोया 'कानूनी संरक्षण'। 
मुख्य बातें
  • आईटी मंत्रालय के नए नियम के तहत भारत में होनी है अधिकारियों की नियुक्ति
  • तय समय में अब तक वैधानिक अधिकारियों की नियुक्ति नहीं कर पाई है ट्विटर
  • कानूनी संरक्षण समाप्त होने से उसे अब आईपीसी की धाराओं का सामना करना होगा

नई दिल्ली : माइक्रोब्लागिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं। थर्ड पार्टी कंटेंट पर सरकार की तरफ से उसे जो 'कानूनी संरक्षण' मिला हुआ था उसने वह खो दिया है। दरअसल, आईटी मंत्रालय के नए नियमों के मुताबिक कंपनी की भूमिका पर उसे एक वैधानिक अधिकारी, भारत में एक प्रबंध निदेशक सहित एवं अन्य अधिकारियों की नियुक्ति करनी थी लेकिन इन अधिकारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। अब  कोई यूजर यदि ट्विटर पर 'गैर-कानूनी सामग्री' एवं 'भड़काऊ पोस्ट' शेयर करता है तो कंपनी आईपीसी की आपराधिक धाराओं एवं पुलिस पूछताछ का सामना करेगी। 

संरक्षण खोने वाली भारत में अमेरिका की पहली कंपनी
टीओआई की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अधिकारियों की नियुक्ति करने में असफल होने पर सरकार के 'कानूनी सुरक्षा कवच' से वंचित होने वाली ट्विटर भारत में अमेरिका की पहली सोशल मीडिया कंपनी बन गई है। आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत ट्विटर को 'कानूनी संरक्षण' मिला हुआ था। जबकि गूगल, यूट्यूब, फेसबुक, वाट्सएप और इंस्टाग्राम को यह संरक्षण जारी रहेगा। 

ट्विटर को अब आईपीसी की धाराओं का सामना करना होगा
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के एक सूत्र ने कहा, 'आईटी की नई गाइडलाइन का पालन करने के लिए कंपनी को अतिरिक्त समय दिया गया था लेकिन वह तय समय में गाइडलाइन का पालन नहीं कर पाई है। हमने इस बारे में उसे बार-बार याद दिलाया और अतिरिक्त समय भी दिया। अब ट्विटर ने अपना कानूनी संरक्षण खो दिया है। अब थर्ड पार्टी गैर-कानूनी कंटेंट पर उसे आईपीसी की धाराओं का सामना करना होगा।'      

ट्विटर के प्रवक्ता ने दिया जवाब
ट्विटर को भारत में 25 मई तक अपने अधिकारियों को नियुक्ति करनी थी लेकिन कंपनी ने कोरोना संकट, लॉकडाउन एवं अन्य तकनीकी पहलुओं का हवाला देकर इन नियुक्तियों में देरी की। ट्विटर ने शुरू में कुछ नियुक्तियां की थीं लेकिन सरकार ने इन्हें यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ये अधिकारी बाहरी कानूनी परामर्शदाता थे या ऐसे लोग थे जो जिन्हें अमेरिकी कंपनी ने सीधे तौर पर नियुक्त नहीं किया था। भारत में ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि उसने एक 'अंतरिम' अनुपूरक अधिकारी की नियुक्ति की है। प्रवक्ता ने कहा कि अधिकारी की नियुक्ति के बारे में ब्योरे अभी आईटी मंत्रालय के साथ साझा नहीं किए गए हैं लेकिन इसे जल्द साझा किया जाएगा।  

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