नई दिल्ली: केरल में लॉकडाउन के दौरान एक शख्स ने दरियादिली की अनोखी मिसाल पेश की है। इस शख्स ने एक चार साल की कैंसर मरीज बच्ची तक दवाई पहुंचाने के लिए 150 किलोमीटर का सफर मोटरसाइकल से तय किया। पूर्व पुलिसकर्मी विष्णु फिलहाल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में मेडिकल सर्जेंट हैं। लड़की आलप्पुषा़ जिले में रहती है और उसका परिवार हर महीने कीमोथेरेपी के लिए तिरुवनंतपुरम के क्षेत्रीय कैंसर सेंटर आता है। कोरोनो वायरस संक्रमण की वजह से कीमो यूनिट बंद हैं तो ऐसे में लड़की को डॉक्टर ने अस्थायी रूप से दवा लेने की सलाह दी।
'वह मदद के लिए तैयार हो गया'
डॉक्टर की सलाह के बाद जब परिवार दवा के लिए अपने जिले में गया तो उसे निराशा हाथ लगी। उनके जिले में दवाएं उपलब्ध नहीं थी इसके बाद परिवार ने सिविल पुलिस अधिकारी एंटनी राथीश से संपर्क किया। राथीश ने अपने दोस्त विष्णु से इस संबंध में मदद के लिए कहा ताकि क्षेत्रीय सेंटर केंद्र से दवाएं लेकर बच्ची तक पहुंचाई जा सकें। राथीश ने ने इंडिया टुडे टीवी से कहा, 'विष्णु अपने ड्यूटी के लिए तिरुवनंतपुरम (आलप्पुषा़ से) जाने के लिए तैयार हो रहा था। उसने अपनी ड्यूटी के लिए यहां एक सप्ताह तक रहना था। मैंने उसे स्थिति के बारे में बताया और वह मदद के लिए तैयार हो गया।'
'दवाई की पर्ची पुरानी थी'
पुलिस अधिकारी ने कहा कि विष्णु ने बच्ची के परिवार से दवाई की पर्ची ली और 29 मार्च को वहां से निकल गया। पता चला कि विष्णु जो पर्ची लेकर निकला था वो पुरानी थी। हालांकि, डॉक्टर मरीज को जानता था, उसे पता था कि उसे अलग दवा की जरूरत है। लेकिन एक चुनौती थी, लड़की को उसी दिन शाम 6 बजे तक दवाओं की जरूरत थी। विष्णु ने पहले उन्हें कोल्लम तक आधे रास्ते तक पहुंचना का प्रयास किया। यह योजना कारगर साबित नहीं हुई। इसलिए विष्णु ने ने वापस आलप्पुषा़ का सफर सवारी करने का फैसला किया।
'लड़की का परिवार गरीब है'
अधिकारी ने कहा कि विष्णु शाम 5:10 बजे तक परिवार तक दवा सौंपने में कामयाब रहा। यह एक जोखिम था उसने काफी कम वक्त के अंदर मोटरसाइकिल से 150 किलोमीटर से अधिक समय का सफर किया। राथीश ने कहा कि लड़की का परिवार गरीब है और इलाज के खर्चों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। उम्मीद है कि कोई आगे आकर उनकी मदद मदद करेगा। विष्णु ने उनसे कोई पैसा नहीं लिया।