नई दिल्ली: दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच केन्या में लोगों को शराब बांटने का मामला सामने आया है। केन्या के नैरोबी शहर के गवर्नर माइक सोनको जरूरतमंद लोगों को केयर पैकेजों में खाद्य पदार्थों के साथ-साथ शराब दे रहे हैं। दुनियाभर में कोविड -19 से लड़ने के लिए लोग घरों पर रह रहे हैं। वायरस से बचाव के लिए बार-बार अच्छी तरह हाथ धो रहे हैं। स्वच्छता का ख्याल रखने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन कर रहे हैं। लेकिन गवर्नर सोनको के अनुसार, शराब कोरोनो वायरस को खत्म करने के लिए कारगार है, इसलिए, इसे गले के सैनिटाइटर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
कोरोना केयर पैकेज में शराब की बोतलें
पिछले हफ्ते आयोजित एक मीडिया ब्रीफिंग में सोनको ने पुष्टि की कि नैरोबी में वितरित किए जा रहे कोरोना केयर पैकेज में शराब की बोतलें भी शामिल हैं। वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है, 'जो फूट पैक में हम अपने लोगों को दे रहे हैं उसमें शराब की कुछ छोटी बोतलें भी हैं। मुझे लगता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और विभिन्न अन्य स्वास्थ्य संगठनों द्वारा किए गए शोध से यह सामने आया है कि कोरोन वायरस या किसी भी प्रकार के वायरस को मारने में शराब प्रमुख भूमिका निभाती है।' बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने गवर्नर माइक सोनको की बात का खंडन किया है।
डब्ल्यूएचओ का क्या कहना है?
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान जारी कहा कि शराब कोरोना वायरस से नहीं बचाती है। बयान में कहा गया कि शराब का सेवन कम्युनिकेबल-नॉन कम्युनिकेबल रोगों और मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर से जुड़ा हुआ है, जो किसी व्यक्ति के कोविड-19 की चपेट में आने पर अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक एक लाख 50 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं और संक्रमित मरीजों की संख्या 22 लाख के पार पहुंच गई है। वहीं, पांच लाख 47 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं।