इंदौर: अपने वजनदार फलों के चलते "आमों की मलिका" के रूप में मशहूर "नूरजहां" (Noor Jahan mango) किस्म के स्वाद के शौकीनों को पिछले साल मायूसी हाथ लगी थी। लेकिन इस बार मौसम की मेहरबानी से इसकी अच्छी फसल हुई है और इसके वजनी आम पकने से पहले ही ऊंचे दामों पर बुक हो चुके हैं।
अफगानिस्तानी मूल की मानी जाने वाली आम की प्रजाति नूरजहां के गिने-चुने पेड़ मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में पाये जाते हैं। यह इलाका गुजरात से सटा है।
इंदौर से करीब 250 किलोमीटर दूर कट्ठीवाड़ा के आम उत्पादक शिवराज सिंह जाधव ने बताया, "मेरे बाग में नूरजहां आम के तीन पेड़ों पर कुल 250 फल लगे हैं। इनकी बुकिंग काफी पहले ही हो चुकी है। लोगों ने नूरजहां के एक आम की 500 से 1,000 रुपये के बीच कीमत लगाई है।"
'इस बार नूरजहां आम के फलों का वजन दो से साढ़े तीन किलोग्राम के बीच रहने वाला है'
उन्होंने बताया कि नूरजहां आम की अग्रिम बुकिंग करने वाले लोगों में मध्य प्रदेश के साथ ही पड़ोसी गुजरात के शौकीन शामिल हैं।जाधव ने बताया, "इस बार नूरजहां आम के फलों का वजन दो से साढ़े तीन किलोग्राम के बीच रहने वाला है।"इस बीच, कट्ठीवाड़ा में नूरजहां की बागवानी के विशेषज्ञ इशाक मंसूरी ने बताया, "इस बार नूरजहां की फसल तो अच्छी हुई है लेकिन कोविड-19 के प्रकोप के कारण आमों के कारोबार पर थोड़ा असर पड़ा है।"
शौकीनों ने इसके एक फल की 1,200 रुपये तक की ऊंची कीमत चुकाई
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में नूरजहां के पेड़ों पर संभवतः जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के कारण बौर (आम के फूल) ही नहीं आए थे जिससे शौकीनों को इस आम के खास स्वाद से वंचित रहना पड़ा था। मंसूरी ने बताया कि वर्ष 2019 में नूरजहां के फलों का वजन औसतन 2.75 किलोग्राम के आस-पास रहा था। तब खरीदारों ने इसके केवल एक फल के बदले 1,200 रुपये तक की ऊंची कीमत चुकाई थी।नूरजहां के भारी-भरकम फल तकरीबन एक फुट तक लम्बे हो सकते हैं और इनकी गुठली का वजन 150 से 200 ग्राम के बीच होता है।