UP News:मास्टर जी! क्या ऐसे बनेंगे मील के पत्थर, कमरे में सड़ गया मिड डे मील का अनाज पर बच्चों को नहीं दिए निवाले

UP News: हनुमानगंज तहसील स्थित कंपोजिट विद्यालय दुमदुमा में बच्‍चों को मिड डे मील वितरण में बड़ी लापरवाही मिली है। कोविड के दौरान यहां के बच्‍चों को सही तरह से मिड डे मील वितरण नहीं किया गया। 29 बोरी अनाज स्‍कूल के अंदर ही सड़ रहा है। जिसके कारण स्‍कूल प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया।

 mid day meal
दुमदुमा स्थित कंपोजिट विद्यालय  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • जांच में प्रधानाध्यापक को प्रथम दृष्टया माना गया दोषी
  • स्‍कूल के अंदर ही सड़ रहा 29 बोरी मिड डे मील अनाज
  • कोविड के दौरान छात्रों को नहीं दिया गया था मिड डे मील

UP News: उत्‍तर प्रदेश के बलिया जिले में हनुमानगंज तहसील स्थित कंपोजिट विद्यालय दुमदुमा में बच्‍चों को मिड डे मील वितरण करने में बड़ी लापरवाही करने का मामला सामने आया। शिक्षा विभाग की तरफ से इस स्‍कूल को बच्‍चों की संख्‍या के आधार पर हर माह मिड डे मील भेजा जाता रहा, लेकिन उसे बच्‍चों में वितरण करने की कमरे में बंद कर सड़ाया जाता रहा। इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने जांच कर लापरवाही बरतने के आरोप में स्‍कूल प्रधानाध्‍यापक को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

इस मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बलिया के बीएसए मनिराम सिंह ने यह कार्रवाई की। वीडियो वायरल होने के बाद प्रकरण की जांच खंड शिक्षा अधिकारी बांसडीह सुनील कुमार चौबे व जिला समन्वयक (एमडीएम) अजीत पाठक को जांच की जिम्‍मेदारी सौंपी गई। जांच के दौरान प्रधानाध्यापक आफताब आलम को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उन्‍हें निलंबित कर दिया है। साथ ही पूरी जांच रिपोर्ट दो दिन के अंदर बीएसए को सौंपने को कहा गया है। निलंबन के दौरान प्रधानाध्यापक को बीआरसी हनुमानगंज से सम्बद्ध किया गया है।

प्रधानाध्‍यापक इन मामलों में पाए गए दोषी

बता दें कि बीते मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय दुमदुमा का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें दिखाया गया था कि स्‍कूल के एक कमरे में 29 बोरी मिड डे मील का अनाज रखा हुआ है। वीडियो वायरल होने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने न सिर्फ जांच बैठा दी, बल्कि खुद भी जांच करने स्कूल पहुंचे। बीएसए मनिराम सिंह ने बताया कि अभी तक के जांच में पता चला है कि कोविड 19 के दौरान इस स्‍कूल द्वारा सभी बच्‍चों को शत-प्रतिशत अनाज का वितरण नहीं किया गया। साथ ही चतुर्थ चरण की धनराशि बच्चों के अभिभावकों के खाते में भी नहीं भेजी गई। इसलिए, प्रधानाध्यापक को दोषी मानते हुए अभी निलंबन की कार्रवाई की गई है। जांच पूरी होने के बाद अन्‍य कार्रवाई की की जा सकती है।

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