Varanasi Crime: प्राधिकरण ने चार मंजिला इमारत के अवैध निर्माण को किया ध्वस्त, जानिए क्या थी इसके पीछे की वजह

Varanasi Development Authority: वाराणसी के सबसे भीड़-भाड़ वाले इलाके में शुमार बांसफाटक एरिया में हुए अवैध निर्माण को प्राधिकरण ने ध्वस्त कर दिया है। बीते दिनों इस भवन की ईंट गिरने से एक युवती की मौत हो गई थी। इसके बाद प्राधिकरण ने जांच करते हुए यह कदम उठाया।

Varanasi Development Authority
वाराणसी में अवैध चार मंजिला इमारत पर चला बुलडोजर  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • वाराणसी विकास प्राधिकरण ने की कार्रवाई
  • बिना मानचित्र पास कराए बनी इमारत पर चला बुलडोजर
  • बीते दिनों इमारत की ईंट गिरने से युवती की हो गई थी मौत

Varanasi News: शहर के व्यस्ततम इलाकों वाले क्षेत्र में शुमार बांसफाटक क्षेत्र (बड़ादेव) में मानचित्र स्वीकृत कराए बिना बनाए गए अवैध चार मंजिला भवन को विकास प्राधिकरण की टीम ने गिरा दिया है। देखते ही देखते इमारत जमींदोज हो गई। इस कार्रवाई को करने में मजदूरों के साथ बुलडोजर की भी मदद ली गई थी। इस दौरान गोदौलिया-मैदागिन मार्ग पर ट्रैफिक पूरी तरह रोक दिया गया था। सुरक्षा व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए काफी बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी।

बता दें कि कुछ दिनों पूर्व इस भवन के निर्माण के दौरान ईंट गिरने से एक युवती की जान चली गई थी। इस हादसे के बाद प्रशासन हरकत में आ गया और निर्माणाधीन इमारत के बारे में जांच-पड़ताल शुरू कर दी। वीडीए (वाराणसी डेवलपमेंट अथॉरिटी) के संयुक्त सचिव परमानंद यादव ने बताया है कि, अवैध निर्माण को पूरी तरह ढहा दिया गया है। यह अवैध निर्माण हाई फ्लड लेवल एरिया (एचएफएल) में दशाश्वमेध इलाके के बड़ादेव मोहल्ले में करवाया गया था।

अवैध निर्माण के दौरान गई थी युवती की जान

मिली जानकारी के अनुसार इंडस्ट्रियल एरिया (रामनगर) स्थित वीडीए कॉलोनी निवासी जयदेव घोष आठ सितंबर को अपने परिवार के साथ श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन कर वापस लौट रहे थे। गोदौलिया की तरफ आते समय बड़ादेव क्षेत्र में अवैध तरीके से निर्माणाधीन चार मंजिला इमारत से ईंट गिरने से जयदेव की पुत्री मुस्कान (21 वर्ष) के सिर पर गंभीर चोट आई थी। गंभीर रूप से घायल अवस्था में उसे तुरंत बीएचयू के ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया था। यहां डाक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इस बीच निर्माणाधीन भवन में काम कर रहे मजदूर मौके से फरार गए। बता दें कि घटनास्थल पर जुटे स्थानीय लोगों ने विकास प्राधिकरण के अधिकारियों व कर्मचारियों पर अवैध निर्माण को नहीं रोकने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की थी।

ध्वस्तीकरण का खर्च देगा भवन मालिक

बता दें कि, मामला बढ़ने लगा तो विकास प्राधिकरण के अमले ने इस अवैध निर्माण को गिराने की रणनीति तैयार की और उसे अमल में लाया गया। ध्वस्तीकरण के दौरान आसपास की दुकानों को प्रशासन ने एहतियातन के तौर पर बंद करा दिया था। इसके लिए दशाश्वमेध के एसीपी अवधेश पांडेय ने निर्माण स्थल का निरीक्षण कर आसपास के दुकानों को सुबह 11 बजे के बाद बंद रखने के लिए निर्देश दिया था। विकास प्राधिकरण के नवागत उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि, भवन के ध्वस्तीकरण का खर्च संबंधित भवन मालिक से वसूल करने की तैयारी है।

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