नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण के बाद देश छोड़ने वाले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने जनता को संबोधित किया और घोषणा की कि वह निकट भविष्य में अफगानिस्तान लौटने की योजना बना रहे हैं ताकि सभी अफगान नागरिकों को न्याय दिलाया जा सके। उन्होंने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि वह बड़ी रकम के साथ देश छोड़कर भाग गए। उन्होंने कहा कि ये झूठ हैं। उनका ये बयान तब सामने आया है जब संयुक्त अरब अरब अमीरात (UAE) ने ये बताया कि वो उनके देश में हैं।
दुबई से बोलते हुए गनी ने कहा कि वह 'आपदाओं को रोकने' के लिए संयुक्त अरब अमीरात में हैं। फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में अशरफ गनी ने कहा कि अगर उन्होंने काबुल में रहना चुना होता तो उन्होंने हिंसा देखी होती। उन्होंने तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए अफगान रक्षा बलों को भी धन्यवाद दिया।
अशरफ गनी ने कहा, 'सुरक्षा अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि तालिबान मुझे ढूंढ रहा है। मैं काबुल में नहीं रह सकता था। मैं मोहम्मद नजीबुल्लाह की तरह खत्म नहीं होना चाहता था, जिन्हें 1996 में तालिबान ने फांसी दी थी।' राष्ट्रपति ने कहा कि जब तक मैं वापस नहीं आ जाता, मैं दूसरों के साथ परामर्श कर रहा हूं ताकि मैं अफगानों के लिए न्याय के लिए अपने प्रयास जारी रख सकूं।
उन्होंने आगे दोहराया कि किसी भी रक्तपात को रोकने और किसी भी 'बड़ी आपदा' को रोकने के लिए अपने देशवासियों को छोड़ने का फैसला किया। अशरफ गनी ने यह भी उल्लेख किया कि तालिबान के साथ अफगान सरकार की वार्ता किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। यह हमारी विफलता है।