UAE में हैं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मानवीय आधार पर दी एंट्री

Ashraf Ghani: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के ठिकाने का पता चल गया है। वो संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में हैं।

Ashraf Ghani
अशरफ गनी 
मुख्य बातें
  • अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी देश में हैं: संयुक्त अरब अमीरात
  • तालिबान के काबुल के नजदीक पहुंचने से पहले ही गनी देश छोड़ कर चले गए थे
  • अशरफ गनी के देश छोड़ने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे

नई दिल्ली: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी यूएई में हैं। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के विदेश मंत्रालय ने ये जानकारी दी है। राष्ट्रपति अशरफ गनी पर यूएई का बयान है- यूएई का विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय इस बात की पुष्टि कर सकता है कि यूएई ने मानवीय आधार पर राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार का देश में स्वागत किया है। 

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जानकारी सामने आई थी कि अफगानिस्तान से भागते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने हेलीकॉप्टर में ठूंस-ठूंस कर नकदी भरी। 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के साथ ही अमेरिका समर्थित गनी सरकार गिर गई और राष्ट्रपति देश-विदेश के सामान्य लोगों की तरह देश छोड़ने पर मजबूर हो गए।

फेसबुक पर लिखा पोस्ट

बताया गया कि गनी अफगानिस्तान से भागकर संभवत: पड़ोसी देशों ताजिकिस्तान या उज्बेकिस्तान गए हैं। हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अपने पहले बयान में गनी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा। राष्ट्रपति ने लिखा कि उनके सामने दो मुश्किल विकल्प थे, पहला राष्ट्रपति भवन में घुसने की कोशिश कर रहे हथियारबंद तालिबान और दूसरा अपने प्रिय देश को छोड़ना, जिसकी रक्षा में मैने अपने जीवन के 20 साल लगा दिए। अगर फिर से अनगिनत संख्या में देश के नागरिक शहीद होते और काबुल में विध्वंस ही विध्वंस होता तो करीब 60 लाख की आबादी वाले शहर के लिए उसका परिणाम बेहद घातक होता। तालिबान ने मुझे हटाने का फैसला कर लिया था, वे यहां काबुल और काबुल के लोगों पर हमला करने आए हैं। ऐसे में रक्तपात से बचने के लिए, मुझे वहां से निकलना ही मुनासिब लगा। तालिबान ने हथियार के बल पर लड़ाई जीत ली है और अब देशवासियों के सम्मान, धन और आत्मसम्मान की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है।

पेशे से शिक्षाविद और अर्थशास्त्री गनी अफगानिस्तान के 14वें राष्ट्रपति थे। पहली बार 20 सितंबर 2014 और दूसरी बार 28 सितंबर, 2019 में वह राष्ट्रपति चुनावों में जीत हासिल कर पद पर आसीन हुए थे।  

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