नई दिल्ली: ईरान और अमेरिका दोनों के बीच तनाव अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। ईरान के सर्वोच्च सैन्य कमांडरों में से एक कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हवाई हमले में मौत के बाद ईरान ने अपनी प्रतिष्ठित क़ोम मस्जिद पर लाल झंडा फहरा दिया जिसे युद्ध के ऐलान के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी बार बार ईरान को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर अमेरिकी संपत्ति, सैन्य ठिकानों या नागिरकों को ईरान ने निशाना बनाया तो अमेरिका बेहद आधुनिक और शक्तिशाली हथियारों के साथ ईरान पर जोरदार हमला करेगा। आइए एक नजर डालते हैं युद्ध के मुहाने पर खडे़ ईरान और अमेरिका की सैन्य ताकत पर।
एक वेबसाइट ग्लोबल फायर पावर के अनुसार सैन्य ताकत में अमेरिका दुनिया में पहले स्थान पर है और ईरान का स्थान दुनिया के 137 देशों में 14वां है। हालांकि स्थानीय तौर पर ईरान का नेटवर्क बहुत मजबूत है और खाड़ी क्षेत्र में उसके अहम साझेदार भी हैं जोकि अमेरिका के लिए सिरदर्द बन सकते हैं।
ईरान की सैन्य शक्ति: आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में ईरान के पास 523,000 सक्रिय सैन्यकर्मी हैं। 83,000,000 आबादी वाले देश में और ज्यादा लोगों को भी सेना में भर्ती किया जाता है। ईरान के पास करीब 8550 से ज्यादा टैंक, सैन्य तोपें, रॉकेट प्रोजेक्टर और लड़ाकू वाहन मौजूद हैं। वायुसेना में करीब 512 हेलीकॉप्टर और विमान मौजूद हैं। जबकि नौसेना में 398 जहाज और पनडुब्बियां हैं। एक वेबसाइट मिसाइल थ्रेट के अनुसार 12 तरह की ऑपरेशनल शॉर्ट और मीडियम मिसाइलें हैं जबकि कई मिसाइलों को डेवलप किया जा रहा है।
अमेरिका की ताकत: अमेरिका के पास बेमिशाल सैन्य ताकत मौजूद है जिसकी सेनाओं में 1,281,900 सक्रिय सैन्यकर्मी और 144,872,845 रिजर्व कर्मी मौजूद हैं। डी-5 ट्रायडेंट जैसी बेहद लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइलें हैं। अमेरिकी नौसेना में 10 बेहद विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर, परमाणु पनडुब्बियां हैं।
अमेरिकी वायुसेना में एफ-22 रैपटर, एफ-35, बी-2 बॉमर जैसे बेहद आधुनिक विमान हैं जिसका मुकाबला करना किसी भी देश के लिए बहुत मुश्किल चुनौती है।
सीधी लड़ाई में अमेरिका के सामने ईरान का टिकना बहुत मुश्किल नजर आता है। अमेरिका के 610 बिलियन डॉलर के रक्षा बजट के आगे ईरान का रक्षा बजट सिर्फ 14 बिलियन डॉलर है। अमेरिका को अपने आधुनिक हथियारों के दम पर युद्ध का रुख अपनी तरफ करने के लिए जाना जाता है। खाड़ी क्षेत्र में ही इराक, सीरिया और लीबिया जैसे देशों में अमेरिका अपने आधुनिक सैन्य उपकरणों और तकनीक की बदौलत बेशुमार तबाही मचा चुका है।
डोनाल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि ईरान से युद्ध होने पर अमेरिका सैनिकों को भेजने की बजाय अपने बेहद आधुनिक हथियारों से हमला करेगा और युद्ध को बहुत कम समय में ही खत्म कर देगा।