भारतीय बॉर्डर के लिए चीन ने तैनात किया PLA का नया कमांडर, सीमा पर जारी है तनातनी   

China appoints new PLA Army commander: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। इस बीच चीन ने पश्चिमी कमान के लिए अपने नए कमांडर की नियुक्ति की है।

Amid tension in Ladakh China appoints new PLA Army commander for India border
लद्दाख में भारत एवं चीन की सेना के बीच जारी है तनाव। -फाइल फोटो  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • लद्दाख के पूर्वी भाग में तीन जगहों पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने
  • विवाद का हल निकालने के लिए शनिवार को दोनों देशों के कमांडर करेंगे बातचीत
  • भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी जमीन से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगा

नई दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास जारी तनाव के बीच चीन ने भारतीय सीमा पर तैनात अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लिए एन नए सैन्य जनरल की नियुक्ति की है। लेफ्टिनेंट जनरल शू क्विलिंग पीएलए की पश्चिमी थिएटर कमान ग्राउंड फोर्स के नए कमांडर होंगे। इस पद पर शू की नियुक्ति की पुष्टि करने वाली पहली रिपोर्ट एक जून को सामने आई थी। 

जनरल झाओ जोंग्की को रिपोर्ट करेंगे शू
समाचार पत्र 'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल शू पश्चिमी थिएटर कमान के कमांडर जनरल झाओ जोंग्की को रिपोर्ट करेंगे। जनरल झाओ पश्चिमी थिएटर कमान में रॉकेट फोर्स, एयर फोर्स, सेना अथवा ग्राउंड फोर्स सहित सभी सैन्य गतिविधियों को देखते हैं। इसी कमान के पास भारतीय सीमा की निगरानी की जिम्मेदारी है और यह चीन के पांच थिएटर कमान में सबसे बड़ी है। थिएटर कमान की अगुवाई सामान्य रूप से जनरल रैंक का अधिकारी करता है। बता दें कि 2017 के डोकलाम गतिरोध के दौरान जनरल झाओ पश्चिमी थिएटर कमान के प्रमुख थे। अक्टूबर 2017 में उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं सेंट्रल कमेटी में भी नियुक्त किया गया।  

भारत से तनाव के बीच हुई है शू की नियुक्ति
पूर्वी थिएटर कमान में जनरल झाओ के समकक्ष जनरल हे वेडॉन्ग पहले पश्चिमी कमान में पीएलए की ग्राउंड फोर्स के प्रमुख थे लेकिन गत जनवरी में उनका पद बढ़कार समूचे पूर्वी थिएटर कमान की जिम्मेदारी दे दी गई। पश्चिमी कमान के प्रमुख पद पर जनरल शू की नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब लद्दाख के पूर्वी भाग में गत पांच मई से भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है। पैगांग त्सो झील सहित कम से कम दो स्थानों पर दोनों देशों की सेना आमने-सामने हैं। सीमा पर बने इस गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों दशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत शनिवार को होने जा रही है। इस बैठक में सीमा विवाद का कोई हल निकलने की उम्मीद है।

चीन के अतिक्रमण पर सुरक्षा एजेंसियों ने सौंपी है रिपोर्ट
भारतीय क्षेत्र में चीन के इस अतिक्रमण पर सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलए की मंशा भारतीय इलाके में और अंदर दाखिल होने की थी लेकिन भारतीय सुरक्षाबलों की मुस्तैदी एवं सतर्कता के चलते पीएलए की कोशिश नाकाम हो गई। सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि कैसे इतने कम समय में चीन की सेना एलएसी के पास इतनी बड़ी संख्या में जमा हो गई। चीन के सैनिकों को जवाब देने के लिए भारत ने भी उसी की संख्या के बराबर अपनी फौज तैनात कर दी है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सीमा से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगा। सीमा पर बना गतिरोध टूटता है कि नहीं यह बहुत कुछ दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच होने वाली बातचीत पर निर्भर करेगा।

दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच लगभग चार सप्ताह से तनातनी चली आ रही है। दोनों देशों के सैनिक गत पांच मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो क्षेत्र में भिड़ गए थे। उनके बीच पथराव भी हुआ था। इस घटना में दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए थे। इसी तरह की एक घटना गत नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास हुई थी। यहां भी भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए।
 

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