तालिबान के खिलाफ विधेयक में पाक का हुआ जिक्र तो भड़क गईं शिरीन मजारी, अमेरिका को सुनाई खरी-खोटी  

दुनिया
आलोक राव
Updated Sep 29, 2021 | 11:07 IST

Shireen Mazari critisize America : पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा है किआर्थिक एवं सैन्य शक्ति के रूप में मजबूत अमेरिका और नाटो अफगानिस्तान में 20 वर्षों तक रहे लेकिन स्थिर सरकार नहीं दी।

Bill moved in US Senate to sanction Taliban, Pak minister Shireen Mazari reacts
तालिबान के खिलाफ अमेरिकी सीनेट में विधेयक पेश हुआ है।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • अमेरिकी सीनेट में तालिबान के खिलाफ पेश विधेयक में पाकिस्तान के नाम का जिक्र हुआ है
  • नाम का जिक्र होने पर पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी अमेरिका पर बरसी हैं
  • मजारी ने कहा है कि अमेरिका का साथ देने के लिए पाकिस्तान को फिर से कीमत चुकानी होगी

कराची : अफगान तालिबान (Afghan Taliban) पर प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिकी सीनेट (US Senate) में एक विधेयक पेश हुआ है। खास बात यह है कि इस विधेयक में पाकिस्तान (Pakistan) का नाम लेते हुए उसे भी प्रतिबंध के दायरे में लाने की बात कही गई है। इस विधेयक को राष्ट्रपति पद के पूर्व नामित उम्मीदवार सहित जाने-माने सीनेटरों ने पेश किया है। इस प्रस्तावित विधेयक में कहा गया है कि अमेरिकी सरकार को यदि लगता है कि कोई सरकार तालिबान (Taliban) का समर्थन कर रही है तो वह उस पर प्रतिबंध लगाए। साथ ही विधेयक में अमेरिकी की ओर से दी जाने वाली मदद की समीक्षा एवं उसे रोकने की भी मांग की गई है।

रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने तैयार किया है विधेयक

'ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक इस विधेयक को पेश करने वाली सभी सांसद रिपब्लिकन पार्टी के हैं। यह बिल सोमवार को सीनेट में पेश किया गया। इस विधेयक में 'तालिबान एवं अफगानिस्तान में तालिबान की मदद करने वाले एवं इस तरह का इरादा रखने वाले व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।' इस प्रस्तावित विधेयक में पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर लिया गया है। इस विधेयक को सीनेटर जिम रीच ने पेश किया है। इस विधेयक को मिट रोमनी एवं मार्को रूबियो सहित 21 अन्य दिग्गज सीनेटरों ने तैयार किया है।

तालिबान को समर्थन देने वालों पर कार्रवाई की मांग

यह विधेयक तैयार करने वाले सीनेटरों का कहना है कि मूल रूप से यह बिल अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की 'त्रासदीपूर्ण वापसी' कराने के लिए बाइडेन प्रशासन से संबंधित है लेकिन विधेयक के एक हिस्से में तालिबान और इस गुट को समर्थन देने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की भी बात कही गई है। 

विधेयक में पाक का जिक्र होने पर भड़क गईं मजारी

वहीं, इस विधेयक पर पाकिस्तान सरकार में प्रतिक्रिया हुई है। पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा है कि 'अमेरिका का सहयोगी होने और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई में भागीदार होने के लिए पाकिस्तान को एक बार फिर भारी कीमत चुकाने के लिए कहा जाएगा। अफगानिस्तान से अराजक तरीके से अमेरिका के जाने एवं अशरफ गनी के यूएई भाग जाने के बाद अमेरिकी सीनेट में एक बिल पेश हुआ है।  

'हमने 450 से ज्यादा ड्रोन हमले देखे'

मजारी ने अपने एक ट्वीट में कहा, ' आर्थिक एवं सैन्य शक्ति के रूप में मजबूत अमेरिका और नाटो अफगानिस्तान में 20 वर्षों तक रहे। इस देश को उन्होंने अराजक स्थिति में छोड़ा और स्थायी सरकार नहीं दी। उनकी इस नाकामी के लिए अब पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। यह हमारी लड़ाई कभी नहीं थी। हमने इस युद्ध में अपने 80,000 लोग खोए। हमारी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा। हमने अमेरिका की तरफ से 450 से ज्यादा ड्रोन हमले देखे।'

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