चीन का जैविक हथियार था कोरोना वायरस! लैब में टॉप मिलिट्री महिला अधिकारी की तैनाती से अटकलें तेज

दुनिया
आलोक राव
Updated Feb 18, 2020 | 16:23 IST

Coronavirus : चेन वी, पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी (पीएलए) में मेजर जनरल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन सरकार ने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरूलोजी की कमान अपने हाथ में लेने से पहले चेन वी को इस शहर में पहुंचाया।

China appoints its top military bio-warfare expert Chen Wei in virus lab in Wuhan
चीन में प्रकोप का रूप ले चुका है कोरोना वायरस।   |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस के प्रकोप से युद्ध स्तर पर निपट रहा चीन, वायरस से हुबोई प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित
  • चीन ने कोरोना वायरस से लड़ने और उसकी काट निकालने के लिए अपनी सेना की बॉयोलॉजिकल हथियारों की एक्सपर्ट को उतार दिया
  • कोरोना वायरस की चपेट में आकर अब तक 1800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, वायरस की उत्पति पर अटकलें तेज

नई दिल्ली: चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या करीब 1868 हो गई है। चीन की सरकारी मीडिया की रिपोर्ट में मंगलवार को बताया गया कि देश में कोरोना वायरस से ज्यादातर मौत हुबेई प्रांत में हुई हैं और इस वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 72 हजार को पार कर गई है। महामारी के रूप ले चुके इस कोरोना वायरस से निपटने के लिए चीन युद्ध स्तर पर काम कर रहा है और संक्रमण थामने के लिए उसने अपने संसाधनों को झोंक दिया है। मीडिया में ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि चीन ने कोरोना वायरस से लड़ने और उसकी काट निकालने के लिए अपनी सेना की बॉयोलॉजिकल हथियारों की एक्सपर्ट चेन वी को वुहान में तैनात कर दिया है। वी की इस तैनाती के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है। देश के इस कोरोना संकट को सेना के बॉयोलॉजिकल हथियारों के निर्माण से भी जोड़कर देखा जाने लगा है।

कौन हैं चेन वी
चेन वी, पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी (पीएलए) में मेजर जनरल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन सरकार ने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी की कमान आधिकारिक रूप से अपने हाथ में लेने से पहले चेन वी को इस शहर में पहुंचाया। सरकार ने वुहान स्थित इस संस्था का कार्यभार 54 साल की वायरस विशेषज्ञ को सौंपे जाने पर जिस तरह की तत्परता एवं जल्दबाजी दिखाई है उससे लोगों के मन में सवाल और शंकाएं उठने लगी हैं। वुहान स्थित इस प्रयोगशाला के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है और इस लैब को बीजिंग की सेना चलाती है। सेना यहां अपने प्रयोगों को अंजाम देती है। वी की तैनाती के बाद लोग आशंका जता रहे हैं कि हो न हो कोरोना वायरस इस लैब से फैला होगा। इस बीच, चीन की सरकारी मीडिया में एक तस्वीर प्रकाशित हुई है जिसमें चेन वी को वुहान में अपनी टीम के साथ कोरोना वायरस की जांच करते हुए दिखाया गया है। इसे 30 जनवरी की तस्वीर बताया गया है। 

Coronavirus'टर्मिनेटर ऑफ इबोला' के नाम से हैं मशहूर
चेन जेनेटिक इंजीनियरिंग वैक्सीन की प्रमुख विशेषज्ञों में से एक हैं। साल 2003 में जब चीन में सार्स वायरस का प्रकोप फैला था तो उस समय उन्होंने एक मेडिकल स्प्रे तैयार किया। सार्स वायरस से निपटने में यह स्प्रे काफी कारगर साबित हुआ। एक अन्य सरकारी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि चेन द्वारा विकसित स्प्रे ने करीब 14,000 चिकित्सा कर्मियों को 'सार्स' के संक्रमण में आने से रोका। यही नहीं, चेन को देश में 'टर्मिनेटर ऑफ इबोला' के नाम से भी जाना जाता है। चेन की नेतृत्व वाली टीम ने इस घातक वायरस के खिलाफ एक वैक्सीन विकसित की जिससे वायरस को फैलने से रोकने में मदद मिली। 

 coronavirusवुहान के इस लैब का गोपनीय दर्जा पी-4 है
चेन वुहान में अपनी टीम के साथ किस जगह काम कर रही हैं, इस बारे में सरकारी मीडिया में कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है लेकिन रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल ने गत शनिवार को दावा किया कि उन्होंने पहले ही वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी की कमान संभाल ली है। वुहान में यह लैब नवंबर 2018 में शुरू हुआ और इसकी गोपनीयता का दर्जा पी-4 है। पी-4 जैविक-सुरक्षा का उच्चतम स्तर है। रिपोर्ट में एक चीनी फोरम के हवाले से दावा किया गया कि चेन को वुहान भेजे जाने से इस लैब और सेना के के बीच संभावित कनेक्शन का पता चलता है। 

Coronavirusलैब में जैविक हथियार बनाने की आशंका को मिला बल
रिपोर्ट के मुताबिक, 'वुहान के इस लैब का कामकाज चेन को सौंपा जाना यह बताता है कि कोरोना वायरस के फैलने के पीछे जो आशंकाएं जताई जा रही हैं उसमें कहीं न कहीं सच्चाई है। इससे इस आशंका को बल मिलता है कि वुहान के पी-4 में चीन की सेना जैविक हथियार तैयार कर रही थी।' इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि 'सीओवीआईडी-19 वायरस को चीन ने जैविक हथियार के रूप में विकसित किया था और दुर्भाग्य से यह वायरस लैब से लीक हो गया।'

वायरस को लैब में विकसित करने का दावा
द वाशिंगटन टाइम्स की एक रिपोर्ट में इजरायल की खुफिया एजेंसी के एक पूर्व अधिकारी डैनी शोहाम के हवाले से दावा किया गया है कि कोरोना वायरस को लैब में विकसित किया गया और इसे जैविक युद्ध अभियान के लिए तैयार किया जा रहा था। हालांकि, इन दावों को चीन की सरकार ने खारिज किया है। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी के निदेशक शी झेंगिल ने इस महीने की शुरुआत में कहा, 'कोरोना वायरस मनुष्य की असभ्य जीवन शैली के खिलाफ प्रकृति की एक सजा है। इस वायरस का लैब से कोई लेना-देना नहीं है।' शी ने चीन की सरकार से इस मामले की जांच कराने की मांग की है।

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