नई दिल्ली : चीन के वुहान से निकला कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है। चीन में हालांकि संक्रमण नियंत्रण में आता नजर आ रहा है, लेकिन पूरी दुनिया में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। इसका सर्वाधिक दुष्परिणाम इटली को भुगतना पड़ रहा है, जहां मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इटली के बाद यह स्पेन पर कहर बनकर टूटा है, जहां मरने वालों का आंकड़ा चीन से भी अधिक हो गया है।
चीन का इनकार
इस बीच दुनियाभर में चीन के खिलाफ रोष बढ़ता रहा है। अमेरिका खास तौर पर इसे लेकर चीन पर निशाना साधता रहा है। हालांकि चीन हर बार इससे इनकार करता रहा है कि यह संकट उसके यहां से फैला। उसने एक बार फिर इससे इनकार किया है कि यह वायरस चीन से ही फैला। भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि यह वायरस चीन से ही फैला।
उन्होंने कहा, 'अमेरिका, यूरोप, चीन, जापान, डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिकों ने जो शोध किए हैं, उसमें इसे लेकर किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है कि कोविड-19 वायरस कहां से फैला। हालांकि वुहान में इसका पहला मामला सामने आया था, लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि चीन ही वायरस का सोर्स है। चीन के लोग खुद भी इस वायरस के शिकार हुए हैं।'
चीन पहले भी कर चुका है इनकार
यहां उल्लेखनीय है कि यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने इससे इनकार किया हो कि यह वायरस उसके यहां से नहीं फैला। इससे पहले भी उसने इसके पीछे 'बड़ी साजिश' का इशारा करते हुए अमेरिका की तरफ उंगली उठाई थी और कहा था कि संभव है कि वुहान में यह वायरस अमेरिकी सेना के कारण पहुंचा हो। हालांकि चीन की ओर से इस बारे में कोई साक्ष्य नहीं दिया गया।
अमेरिका के निशाने पर चीन
वहीं, अमेरिका इसे लेकर लगातार चीन पर निशाना साध रहा है और दुनियाभर में आई आपदा के लिए उसे जिम्मेदार ठहरा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे 'वुहान वायरस' बताते हुए आरोप लगाया कि चीन ने पूरी दुनिया को खतरे में डाल दिया। बाद में अमेरिकी नेता निकी हेली ने भी कहा कि चीन के शुरुआती कदमों के कारण ही यह वायरस पूरी दुनिया में फैल गया।
चीन के खिलाफ केस
अब अमेरिका के एक वकील लैरी केलमेन ने भी चीन पर दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ मुकदमा किया है। चीन पर दुनिया के 3.34 लाख लोगों को वायरस से संक्रमित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने बीजिंग के खिलाफ 200 खरब डॉलर का केस दायर किया है। उनका आरोप है कि इस वायरस को चीन ने युद्ध के जैविक हथियार के तौर पर बनाया और वह इसे आगे बढ़ाते हुए अमेरिकी कानून,अंतरराष्ट्रीय कानून समझौतों और मानदंडों का उल्लंघन कर रहा है।