वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों यह कहकर विवाद पैदा कर दिया था कि कुछ दिनों पहले जब उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई तो भारतीय प्रधानमंत्री ने उनसे कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए हस्तक्षेप करने को कहा था। कश्मीर पर मध्यस्थता का अमेरिका का प्रस्ताव जहां पाकिस्तान को खूब भाया, वहीं भारत ने ट्रंप के दावे को सिरे से खारिज करते हुए साफ कर दिया कि कश्मीर पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है और वह पाकिस्तान के साथ अपने सभी विवादित मुद्दों को द्विपक्षीय बातचीत के जरिये हल करने का पक्षधर है और इसमें किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई बात ही नहीं है।
भारत ने हालांकि ट्रंप के दावे को नकार दिया, पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर कहा है कि वह कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, लेकिन यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निर्भर करता है कि वह मध्यस्थता के प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि कश्मीर विवाद का समाधान भारत और पाकिस्तान को ही करना है, लेकिन अगर दोनों पड़ोसी मुल्क दशकों पुराने इस विवाद के समाधान के लिए उनसे मदद चाहते हैं तो वह इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने गुरुवार को इस बारे में पूछे गए संवाददाताओं के सवालों के जवाब यह कहा।
ट्रंप ने पिछले माह अमेरिका में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की थी। पाकिस्तानी पीएम के साथ मुलाकात और मीडिया से मुखातिब होने के दौरान ट्रंप ने कश्मीर पर मध्यस्थता की बात की थी। इस बारे में गुरुवार को एक बार फिर उन्होंने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान चाहें तो वह मध्यस्थता के लिए तैयार हैं।